महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट, फेस्टिवल सीजन में गरीब व मध्यमवर्ग के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल

बेलगाम महंगाई घर की रसोई पर भारी पड़ रही है। सरसों का तेल घी डालडा रिफाइंड सब्जियां आदि सब पहले से 20 से 30 रुपये किलो महंगी हो चुकी हैं। रसोई गैस के दाम भी बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:48 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:48 AM (IST)
महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट, फेस्टिवल सीजन में गरीब व मध्यमवर्ग के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल
खाद्य तेलों के बढ़े दामों के कारण रसोई का बजट हिल गया है

संवाद सहयोगी, समराला (लुधियाना)। महंगाई डायन खाए जात है! फिल्मी गाने के ये बोल अब जनता पर भारी पड़ रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों की बढ़ोतरी ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया था। अब बेलगाम महंगाई घर की रसोई पर भारी पड़ रही है। सरसों का तेल, घी, डालडा, रिफाइंड, सब्जियां आदि सब पहले से 20 से 30 रुपये किलो महंगी हो चुकी हैं। रसोई गैस के दाम भी बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। ये चीजें रसोई की मुख्य चीजें हैं। इन पर महंगाई का तड़का लगने से गरीब और मजदूर वर्ग के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है।

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कई काम धंधे ठप हो चुके हैं। लोगों का रोजगार छिन गया है। दूसरी ओर बेलगाम महंगाई रोज कमाकर खाने वालों के लिए अब आफत बन गई है। आने वाले समय में फेस्टिवल सीजन सीजन शुरू हो जाएगा, इस दौरान अगर महंगाई ऐसे ही बढ़ती रही तो आम इंसान कैसे त्योहार मना पाएगा, यह बड़ा प्रश्न है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में कड़े कदम उठाने चाहिए।

लोग बोले- इतनी महंगाई में त्योहार कैसे मनाएंगे  

समराला के गुरप्रीत सिंह गोपन का कहना था के के महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है के रसोई का जरूरी समान लाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में हमारी आमदनr शून्य हो गई थी। अब लॉकडॉउन खुला तो यह नहीं आफत आ गई है। आगे त्योहार भी आ रहे हैं। हम त्योहार कैसे मनाएंगे, यह समझ में नहीं आ रहा। एक व्यापारी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सरसों और अन्य रॉ मटीरियल बड़े कारोबारियों ने स्टॉक कर लिया है। केंद्र सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। 

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