लुधियाना में पोटा प्रेसिडेंट डा. किंगरा ने शुरू किया मरण व्रत, गड़वासू के टीचिंग स्टाफ ने भी कामकाज रखा ठप
धरने पर बैठे टीचर्स का कहना था कि एक तो पंजाब सरकार यूजीसी के सातवें पे कमीशन को लागू न करके शिक्षकों के साथ अन्याय कर कर रही है वहीं दूसरी तरफ वेतनमान को डी-लिंक करने का फैसला लेकर शिक्षकों को कई तरह से नुकसान पहुंचा रही है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। यूजीसी पे स्केल को लागू करने की मांग को लेकर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन और गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के टीचिंग स्टाफ ने बुधवार को पूरी तरह से कामकाज ठप रखा। वेटरनरी यूनिवर्सिटी में तो अस्पताल, क्लिनिक और लैब भी बंद रखे गए, जिसके चलते पंजाब भर से अपने पशुओं का इलाज करवाने पहुंचे पशुपालकों को काफी परेशानी आई। बीमार पशुओं को इलाज नही मिला और उन्हें लौटना पड़ा।
वहीं दूसरी तरफ पीएयू टीचर एसोसिएशन और पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गनाइजेशन के प्रेसिडेंट डा. किंगरा तो आज से मरण व्रत पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक यूजीसी पे स्केल लागू नहीं हो जाते वह मरण व्रत पर रहेंगे। थापर हाल के बाहर दोनों यूनिवर्सिटीज के 600 के करीब टीचिंग स्टाफ एकत्रित हुआ। इस दौरान टीचर्स ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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शिक्षकों के साथ साैतेला व्यवहार करने का आराेप
धरने पर बैठे टीचर्स का कहना था कि एक तो पंजाब सरकार यूजीसी के सातवें पे कमीशन को लागू न करके शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वेतनमान को डी-लिंक करने का फैसला लेकर शिक्षकों को कई तरह से नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि डी-लिंक के फैसले से शिक्षकों की प्रमोशन प्रभावित होगी। दोनों यूनिवर्सिटी के टीचिंग स्टाफ ने कहा कि जब तक सरकार यूजीसी पे स्केल लागू नही कर देती और डिलिंक के फैसले को वापस नहीं लेती, उनका धरना जारी रहेगा। इसके साथ ही कामकाज का पूरी तरह से बायकाट होगा। अगले साल हाेने वाले चुनावाें से पहले टीचर्स का धरना प्रदर्शन सरकार के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।