अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगाकर करते थे टैक्स चोरी, लुधियाना में एक महीने बाद केस दर्ज

शातिर लोगों ने कर अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगा दिए थे। इससे पासरों को उस जगह के बारे में पहले ही पता चल जाता है जहां विभाग की टीम नाका लगाती या गश्त करती। वे उस रोड से निकलने वाली गाड़ियों को या तो रोक लेते थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:46 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:49 PM (IST)
अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगाकर करते थे टैक्स चोरी, लुधियाना में एक महीने बाद केस दर्ज
लुधियाना में नवंबर में अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगाने का मामला सामने आया था।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। टैक्स चोरी के लिए शातिर दिमाग लोग कोई भी हद पार कर सकते हैं। यहां नवंबर में एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगाकर उन पर नजर रखते हुए टैक्स चोरी का बड़ा खेल सामने आया था। जीपीएस ट्रैकर की मदद से शातिरों को पहले ही पता चल जाता था कि अधिकारी कहां पर नाका लगाए हुए है। वे पहले ही अपने माल से लदे वाहनों को रोक देते थे या फिर उनका रूट बदल देते थे। अब थाना दुगरी पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की है।

एसएचओ राजन पाल ने बताया कि यह केस मोहाली के एसएएस नगर निवासी रणधीर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि वह आबकारी कराधान विभाग में बतौर आबकारी व कर अफसर के पद पर तैनात है। उनके विभाग की और से जीएसटी व टैक्स चोरी करने वाले वाहनों को चेक किया जाता है। पिछले कुछ समय से ऐसा हो रहा था कि वह जहां भी जाते, जिस रोड पर भी नाका लगाते, वहां से काेई ऐसा वाहन ही नहीं गुजरता था, जिसमें जीएसटी व टैक्स चोरी का माल लोड किया गया हो। काफी समय असमंजस में गुजर जाने के बाद करीब दो सप्ताह पहले उन्हें किसी ने गुप्त सूचना दी कि बिना टैक्स चोरी करने वाले पासरों ने अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगा दिए हैं। इससे पासरों को उस जगह के बारे में पहले ही पता चल जाता है, जहां विभाग की टीम नाका लगाती या गश्त करती। वे उस रोड से निकलने वाली गाड़ियों को या तो रोक लेते थे, या फिर उसका रूट चेंज कर दिया जाता था। 

चुंबक के सहारे चिपका कर लगाए 9 जीपीएस

इस पर अधिकारियों की गाड़ियों को चेक किया गया तो उनके नीचे चुंबक के सहारे चिपका कर लगाए गए 9 जीपीएस ट्रैकर बरामद किए गए। इंस्पेक्टर राजन ने कहा कि केस दर्ज करने के बाद पुलिस उन लोगों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने यह टैकर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वो ट्रैकर मोबाइल सिम के जरिए ही काम करते हैं। साइबर सेल टीम और टेक्निकल टीम की मदद से पता लगाया जाएगा कि उन ट्रैकर का आपरेट करने के लिए इस्तेमाल किए गए सिम किस के नाम पर चल रहे हैं।

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