Protest In Ludhiana: पीएयू और गडवासू में दूसरे दिन भी कामकाज ठप, 4 मुलाजिमों ने शुरू की भूख हड़ताल
Protest In Ludhiana पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) और गुरू अंगद देव वेटरनरी व एनिमल साइंसिज यूनिवर्सिटी (Gadwasu) में दूसरे दिन भी कामकाज ठप रहा। वीरवार काे पीएयू के थापर हाल के बाहर मुलाजिमों ने जहां धरना जारी रखा
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Protest In Ludhiana: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) और गुरू अंगद देव वेटरनरी व एनिमल साइंसिज यूनिवर्सिटी (Gadwasu) में दूसरे दिन भी कामकाज ठप रहा। वीरवार काे पीएयू के थापर हाल के बाहर मुलाजिमों ने जहां धरना जारी रखा, वहीं पीएयू टीचर्स एसोसिएशन (पोटा) के प्रधान डा. हरमीत सिंह किंगरा दूसरे दिन भी मरण व्रत पर बैठे रहे। उनके चार-चार अन्य मुलाजिमों डा. जीपीएस ढिल्लो, डा. सुखप्रीत, डा. शिव कुमार और डा. निलेश भूख हड़ताल पर बैठे। रोजोना चार-चार मुलाजिम भूख हड़ताल में अपना समर्थन देंगे।
वहीं शुक्रवार काे चार महिलाएं डा. मंजीत कौर, रिटायर्ड डा. शालिनी, डा. सिमरन कंग सिद्धू और पीसीसीटीयू से रिटायर्ड सुरिंदर कौर भूख हड़ताल पर बैठेंगी। पोटा के महासचिव डा. केएस सांघा, प्रो. जयपाल सिंह, सुरिंदर कौर ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सातवें पे कमिश्न क लागू करने की जगह डी-लिंक करने पर लगी हुई है जोकि मुलाजिमों के साथ धक्का होगा। अपनी इसी मांग को लेकर वह कई बार रोष जता चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा किर अन्य राज्यों की बात करें तो वहां कब से सातवां पे कमिश्न लागू हो चुका है, जिसे यहां लागू नहीं किया जा रहा है।
दूसरे दिन भी टीचिंग, आनलाइन और आफलाइन क्लासिस, प्रेक्टिकल परीक्षाएं नहीं लेना, लैब का काम बंद, रसिर्च से जुड़े कार्य, एक्सटेंशन ड्यूटी में किसानों के लेक्चर नहीं लगाने इत्यादि काम बंद रखे गए। वहीं गडवासू में भी क्लीनिक का काम पूरी तरह से बंद रहा। रोजाना यहां 200 से 250 के बीच किसान पशुओं काे इलाज के लिए लाते हैं।
पीएयू कांट्रेक्ट एवं डीपीएल वर्कर का धरना आठवें दिन भी जारी
पीएयू थापर हाल के बाहर पीएयू कांट्रैक्ट एवं डीपीएल वर्कर एसोसिएशन ने वीरवार आठवें दिन भी धरना जारी रख सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एसोसिएशन के प्रधान जगविंदरजीत, नरिंदर, चमकौर ने कहा कि मुलाजिम पिछले काफी सालों से कच्चे तौर पर काम कर रहे हैं, उन्हें मात्र छह हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है जोकि बढ़ाकर 21,000 रुपये तक किया जाना चाहिए। एसोसिएशन की मांग रेगुलर किए जाने की भी है।