शहर में 30 ओवरहेड वाटर टैंक जर्जर, कभी भी गिरकर पहुंचा सकते हैं नुकसान

शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी की सप्लाई के लिए बनाए गए ज्यादातर ओवरहेड वाटर टैंकअब प्रयोग में नहीं हैं जिस वजह से यह अब जर्जर हो चुके हैं।

By Edited By: Publish:Sun, 24 Feb 2019 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 10:34 AM (IST)
शहर में 30 ओवरहेड वाटर टैंक जर्जर, कभी भी गिरकर पहुंचा सकते हैं नुकसान
शहर में 30 ओवरहेड वाटर टैंक जर्जर, कभी भी गिरकर पहुंचा सकते हैं नुकसान

जेएनएन, लुधियाना। शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी की सप्लाई के लिए बनाए गए ज्यादातर ओवरहेड वाटर टैंक अब इस्तेमाल में नहीं हैं, जिस वजह से यह अब जर्जर हो चुके हैं और आसपास के लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं। कुछ वाटर टैंक तो इतने जर्जर हो चुके हैं कि वह कभी गिर सकते हैं और जानमाल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खतरे को भांपते हुए पार्षद जर्जर ओवर हेड टैंक को गिराने की मांग तक उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक नगर निगम की तरफ से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पार्षदों के बाद अब आम लोगों ने भी नगर निगम को इन जर्जर टैंकों को गिराने की मांग करनी शुरू कर दी।

नगर निगम की हद में कुल 42 ओवर हेड टैंक हैं, जिसमें से एक दर्जन के करीब वाटर टैंक ही प्रयोग में लाए जा रहे हैं, जबकि बाकी के 30 के करीब वाटर टैंक कई सालों से सफेद हाथी बने हुए हैं। प्रयोग में न लाए जाने की वजह से नगर निगम ने लंबे समय से इनकी रिपेयरिंग नहीं करवाई। नगर निगम हाउस की बैठक में भी पार्षदों ने जर्जर ओवर हेड गिराए जाने का मुद्दा उठाया था। अफसरों ने कहा था कि वह वाटर टैंकों के स्ट्रक्चर की जांच करेंगे और उसके बाद जो जर्जर हुए हैं उन्हें गिराने की प्रक्रिया शुरू करेंगे, लेकिन अभी तक निगम अफसरों ने वाटर टैंकों के स्ट्रक्चर की जांच शुरू नहीं की। ट्यूबवेल इंटर कनेक्ट करने के बाद प्रयोग में नहीं लाए गए टैंक शहर में पानी की सप्लाई पहले ओवर हेड वाटर टैंक के जरिए होती थी।

करीब 12 साल पहले शहर के सभी ट्यूबवेल आपस में जुड़ गए तो उसके बाद शहर में सीधी वाटर सप्लाई शुरू हो गई। तब से इन ओवर हेड वाटर टैंकों का प्रयोग नहीं किया जा रहा। निगम अफसरों के मुताबिक उन इलाकों में पानी की टंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां पर पानी की खपत ज्यादा है। इस तरह एक दर्जन के करीब टंकियों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। बाकी की टंकियां तब से इस्तेमाल में नहीं हैं।

नहरी पानी की सप्लाई योजना में फिर बनेंगे ओवर हेड टैंक

नगर निगम लुधियाना में नहरी पानी को पीने के पानी के तौर पर सप्लाई करने की योजना विचाराधीन है। स्मार्ट सिटी एरिया में तो इस योजना को हरी झंडी मिल चुकी है, जबकि बाकी शहर के लिए योजना तैयार की जा रही है। निगम अफसरों के मुताबिक नहरी पानी की सप्लाई के लिए भी ओवर हेड टैंकों की जरूरत होगी तभी सभी को 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जा सकती है। ओवर हेड टैंकों के स्ट्रक्चर की जांच कराएगा निगम शहर में 30 के करीब ओवर हेड टैंक जर्जर हाल में हैं। इनमें से कितने ओवर हेड टैंक अनसेफ हो चुके हैं और कितनों को रिपेयर करके दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए नगर निगम इन सभी टैंकों की स्ट्रक्चर की जांच करेगा।

यहां टैंक हो चुके हैं जर्जर

चीमा चौक, ढोलेवाल चौक, गिल चौक, कोट मंगल सिंह नौलखा गार्डन, गुरदेव नगर सिविल सिटी, सिविल अस्पताल के नजदीक समेत शहर की दो दर्जन के करीब टंकियां जर्जर हाल में हैं। 

एक टंकी को गिराने का खर्च करीब 25 लाख

नगर निगम अगर इन टंकियों को गिराता है तो इसके लिए करोड़ों रुपये की जरूरत होगी। निगम ने पिछले साल जोन बी के पास एक ओवर हेड टैंक तोड़ा था जिसे तोड़ने में करीब 25 लाख रुपये का खर्च आया था। अब निगम ने चीमा चौक स्थित जर्जर टैंक को तोड़ने की तैयारी कर ली।

पार्षद ओम प्रकाश रतड़ा ने उठाया था मुद्दा

नगर निगम हाउस की बैठक में भी जर्जर ओवर हेड वाटर टैंक गिराने का मामला पार्षद ओमप्रकाश रतड़ा ने उठाया था। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में नौलखा गार्डन में एक ओवर हेड टैंक है और उसके साथ ही स्कूल है। यह टैंक कभी भी गिर सकता है, जिससे स्कूली बच्चों की जान को भी खतरा है। उसके बाद जोनल कमिश्नर के साथ हुई बैठक में भी ओवर हेड टैंक को गिराने का मुद्दा उठाया गया। अब ढोलेवाल निवासी कारोबारी गज्जन सिंह और मॉडल टाउन निवासी अरविंद शर्मा ने इस मामले की शिकायत नगर निगम को भेजी है और कहा है कि चीमा चौक, ढोलेवाल चौक व गिल चौक की टंकियों के आसपास लोगों की आवाजाही है। इसलिए इन्हें तुरंत गिराया जाय ताकि जानमाल को नुकसान न हो।

करवाई जाएगी जांच: रजिंदर सिंह

नगर निगम अोएंडएम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रजिंदर सिंह का कहना है कि जर्जर टंकियों के स्ट्रक्चर की जांच करवाई जाएगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि किस टंकी को गिराया जाना है और किसे रिपेयर किया जाना है। चीमा चौक वाली टंकी को गिराने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।  

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