लुधियाना में प्रापर्टी टैक्स रिकवरी में फिसड्डी साबित हुए अफसर, एक तिहाई रिकवरी अभी बाकी

लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू व निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल आए दिन रिकवरी को लेकर अफसरों की क्लास लगाते रहे पर इसके बावजूद अफसर रिकवरी का टारगेट हासिल करने में नाकाम रहे। अब महज 25 दिन शेष हैं और लगभग एक तिहाई रिकवरी बाकी रहती है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 03:54 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 03:54 PM (IST)
लुधियाना में प्रापर्टी टैक्स रिकवरी में फिसड्डी साबित हुए अफसर, एक तिहाई रिकवरी अभी बाकी
नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स ब्रांच को 130 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया गया।

लुधियाना, जेएनएन। नगर निगम ने 2020-21 के बजट में अफसरों को रिकवरी के जो टारगेट दिए थे, दो ब्रांचों के अफसर उसके नजदीक भी नहीं पहुंच पाए। रिकवरी में प्रापर्टी टैक्स ब्रांच व ओएंडएम ब्रांच के अफसर पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा। मेयर बलकार सिंह संधू व निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल आए दिन रिकवरी को लेकर अफसरों की क्लास लगाते रहे पर इसके बावजूद अफसर रिकवरी का टारगेट हासिल करने में नाकाम रहे। अब महज 25 दिन शेष रह गए और इन दोनों ब्रांचों की लगभग एक तिहाई रिकवरी बाकी रहती है। अगर अफसर लक्ष्य के मुताबिक रिकवरी करते तो यह राशि शहर के विकास पर खर्च होती।

नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष के बजट में प्रापर्टी टैक्स ब्रांच को 130 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया गया। जिसमें से अभी तक 78 करोड़ रुपये ही वसूली की जा सकी। जो कि टारगेट से 52 करोड़ रुपये कम है। इसी तरह ओएंडएम ब्रांच को 90 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया जिसमें से अभी तक सिर्फ 60 करोड़ रुपये की वसूली हो सकी है। 30 करोड़ रुपये की वसूली बाकी रहती है। हालांकि बिल्डिंग ब्रांच के अफसर ही अपने टारगेट के पास पहुंच सके हैं। बिल्डिंग ब्रांच को 58 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया गया था जिसमें से 56 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।अब अगले दिनों में नगर निगम के लिए इतनी बड़ी वसूली करना मुश्किल है लेकिन मेयर बलकार सिंह संधू ने अफसरों को साफ कह दिया है कि अगर रिकवरी टारगेट पूरे नहीं किए गए तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

इस माह 20 से 25 करोड़ प्रापर्टी टैक्स वसूली की उम्मीद

उधर अफसरों ने अब रिकवरी के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम शुरू कर दी है। बड़े डिफाल्टरों को तीन तीन दिन का नोटिस देकर सीलिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जबकि छोटे डिफाल्टरों को टेलीकालिंग, मैसेज व ईमेल के जरिए टैक्स जमा करवाने को कहा जा रहा है। कई इलाकों में निगम अफसर मुनादी भी करवा रहे हैं। निगम अफसरों को उम्मीद है कि इस एक माह में प्रापर्टी टैक्स से 20 से 25 करोड़ रुपये की वसूली हो जाएगी। मेयर बलकार सिंह संधू का कहना है कि अफसरों को रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। अफसरों को साफ कहा गया है कि अगर उन्होंने रिकवरी टारगेट पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

गलत असेसमेंट वालों से निगम ने वसूलने हैं आठ करोड़

नगर निगम ने पानी सीवरेज के बिलों व प्रापर्टी टैक्स के रिकार्ड का मिलान किया तो ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें लोगों ने कम टैक्स भरा है। नगर निगम ने 2014 में सेल्फ असेसमेंट करके टैक्स भरने की छूट दी थी। कम टैक्स भरने के चक्कर में कई लोगों ने जगह और कवर्ड एरिया कम दिखाया। जबकि पानी सीवरेज के कनेक्शन में एरिया ज्यादा दिखाया है। निगम अफसरों की मानें तो चारों जोनों में ऐसे करीब 8 करोड़ रुपये की वसूली की जानी हैं। यह ज्यादातर वसूली कमर्शियल व इंडस्ट्रियल इलाकों में की जानी है। इन सभी डिफाल्टरों को नोटिस जारी कर दिए हैं। नगर निगम प्रापर्टी टैक्स ब्रांच के सुपरिंटेंडेंट हेडक्वार्टर विवेक वर्मा का कहना है कि सभी डिफाल्टरों को नोटिस जारी करके उनसे वसूली शुरू कर दी गई है। इस पूरे माह अब व्यापक स्तर पर सीलिंग की जाएगी ताकि लोग अपना टैक्स जमा कर सकें।

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