लुधियाना पूर्वी के विधायक संजय तलवाड़ फिटनेस के लिए जाते हैं जिम, खादी की जगह जींस व शर्ट पसंद

संजय तलवाड़ कहना है कि विधायक बनने के बाद भी उन्होंने अपनी कुछ आदतें नहीं बदली हैं। राजनीति में आने के बाद भी वह क्रिकेट और तैराकी की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे हैं। आज भी इसका मौका नहीं छोड़ते हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:52 AM (IST)
लुधियाना पूर्वी के विधायक संजय तलवाड़ फिटनेस के लिए जाते हैं जिम, खादी की जगह जींस व शर्ट पसंद
लुधियाना पूर्वी के विधायक संजय तलवाड़। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [राजेश भट्ट]। राजनीति में आकर नेता व्यस्तता के कारण अक्सर अपनी फिटनेस का ध्यान नहीं रख पाते हैं। विधायक संजय तलवाड़ के साथ ऐसा नहीं है। वे अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं। रोज जिम जाकर पसीना बहाते हैं।  बीस 20 साल के राजनीतिक करियर के बाद भी वे पूरी तरह फिट हैं। विधायक सुबह पांच बजे उठ जाते हैं। स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य को जल चढ़ाते हैं। वह जितना जरूरी हर रोज सुबह जिम जाना मानते हैं उसी तरह रोजाना प्राचीन गोशाला जाना भी अपना फर्ज समझते हैं। 

राजनीति में आकर नेताओं को खादी के कुर्ता व पजामा से विशेष लगाव हो जाता है। अक्सर लोग उन्हें इसी ड्रेस में देखते हैं। संजय तलवाड़ की पसंद यहां भी अलग है। वे जींस और शर्ट पहनना पसंद करते हैं। अधिकतर कार्यक्रमों में भी वे इन्हीं कपड़ों में दिखते हैं। संजय तलवाड़ कहना है कि विधायक बनने के बाद भी उन्होंने अपनी कुछ आदतें नहीं बदली हैं।

राजनीति में आने के बाद भी वह क्रिकेट और तैराकी की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे हैं। आज भी इसका मौका नहीं छोड़ते हैं। अपने पथ प्रेरक आनंदपुर वालों की कुटिया में रोज सुबह नतमस्तक होते हैं और उसके बाद ही नाश्ता करते हैं। सुबह दस बजे दफ्तर में बैठकर लोगों के काम निपटाते हैं। यह सिलसिला पिछले 25 साल से निरंतर चल रहा है। अगर वे राजनीति में नहीं आते तो बिजनेसमैन होते। कामर्स में ग्रेजुएट हैं और चार्टेड अकाउंटेंट की परीक्षा भी दी थी।

स्पनिंग मिल से बिजनेस की शुरुआत भी की थी। राजनीति में आने के बाद फिर पूरा ध्यान इसी पर लगाया। पिता प्रापर्टी के कारोबार में रहे हैं तो उनका भी साथ देते रहे हैं। संजय तलवाड़ कहते हैं कि पिता जिला कांग्रेस कमेटी के सक्रिय सदस्य रहे थे। इसलिए राजनीति की बारीकियां बचपन से ही जानते हैं। 30 साल की उम्र में पहली बार पार्षद बने। तीन बार पार्षद बनने के बाद वे पूर्वी हलके से विधायक बने।


खलती है पत्नी मीनू तलवाड़ की कमी :
विधायक संजय बताते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में हलका पूर्वी से आखिरी पलों में उन्हें टिकट मिली। क्षेत्र नया था ऐसे में पत्नी मीनू तलवाड़ ने उनके चुनाव प्रबंधक की कमान अपने हाथों में ले ली। मीनू तलवाड़ ने हर वार्ड में सियासी बिसात बिछाई। नतीजा यह रहा कि वे विधायक बन गए। अब वे इस दुनिया में नहीं हैं। घर से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में उनकी कमी खल रही है।

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