विधायक ढिल्लों ने पूछा, सरकारी स्कीमें मेरे पास क्यों नहीं पहुंचती

सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना प्रशासनिक अधिकारियों का काम होता है। दूसरी तरफ विधायक व अन्य जन प्रतिनिधि जनता के प्रतिनिधि के रूप में इन स्कीमों को पहुंचाने का काम करते हैं। लेकिन जब विधायक स्तर का जनप्रतिनिधि ही इन योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के तरीके पर सवाल उठाए तो मामला गंभीर माना जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:09 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:09 PM (IST)
विधायक ढिल्लों ने पूछा, सरकारी स्कीमें मेरे पास क्यों नहीं पहुंचती
विधायक ढिल्लों ने पूछा, सरकारी स्कीमें मेरे पास क्यों नहीं पहुंचती

जागरण संवाददाता, खन्ना : सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना प्रशासनिक अधिकारियों का काम होता है। दूसरी तरफ विधायक व अन्य जन प्रतिनिधि जनता के प्रतिनिधि के रूप में इन स्कीमों को पहुंचाने का काम करते हैं। लेकिन जब विधायक स्तर का जनप्रतिनिधि ही इन योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के तरीके पर सवाल उठाए तो मामला गंभीर माना जाना चाहिए। खन्ना नगर कौंसिल में तीन विधायकों, अधिकारियों और अन्य विभागों के नेताओं के साथ डिप्टी कमिश्नर लुधियाना वरिदर शर्मा की मंगलवार को बैठक हुई तो समराला के कांग्रेसी विधायक अमरीक सिंह ढिल्लो ने सवाल दाग दिया कि आखिर सरकारी स्कीमों की जानकारी उन तक क्यों नहीं पहुंचती।

बैठक के डीसी के अलावा खन्ना के विधायक गुरकीरत सिंह कोटली, समराला के विधायक अमरीक सिंह ढिल्लो, पायल के विधायक लखवीर सिंह लक्खा, एडीसी खन्ना सक्कतर सिंह बल, खन्ना नगर कौंसिल के कार्यकारी प्रधान जतिदर पाठक, खन्ना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन गुरमिदर सिंह लाली, पायल नगर कौंसिल प्रधान मलकीत सिंह गोगा, एसडीएम हरबंस सिंह, ईओ चरणजीत सिंह भी मौजूद थे। बैठक के दौरान ढिल्लो ने प्रशासन के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए और इसमें पारदर्शिता की कमी बताई।

किसानों की कर्जमाफी पर घेरा

ढिल्लो ने किसानों का कर्ज माफ करने की पंजाब सरकार की योजना को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके इलाके में 10-12 एकड़ वाले किसान के दो लाख रुपये के कर्ज माफ हो गए, जबकि आधा एकड़ वाले किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ। असली जरूरत छोटे किसान को थी।

गरीबों को घर देने की स्कीम के बारे में बताया

इस दौरान डीसी वरिदर शर्मा ने गरीबो को घर देने वाली सरकार की बसेरा स्कीम के बारे में बताया। सरकारी जमीन पर घर बनाकर रह रहे लोगों को सरकार ने जमीन का मालिक बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सारी जानकारी इकट्ठी की जानी है। डीसी ने बताया कि फिलहाल 30 गज जमीन वालों के सर्वे शुरू होंगें। वह जितने समय से उस जमीन पर काबिज है, उसके डीसी रेंट के हिसाब से आधा रेंट देना होगा। रेंट देने के बाद उसे जमीन का मालिक बना दिया जाएगा।

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