गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में करवाचौथ उत्सव मनाया

श्री प्राचीन गुग्गा मांडी शिव मंदिर में रविवार को करवाचौथ व्रत उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:08 PM (IST)
गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में करवाचौथ उत्सव मनाया
गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में करवाचौथ उत्सव मनाया

जागरण संवाददाता, खन्ना : श्री प्राचीन गुग्गा मांडी शिव मंदिर में रविवार को करवाचौथ व्रत उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है।

शास्त्री ने कहा यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रिया आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अत: सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षार्थ इस व्रत का सतत पालन करें। उन्होंने आगे कहा कि भारत देश में वैसे तो चौथ माता जी के कईं मंदिर स्थित है, लेकिन सबसे प्राचीन व सबसे अधिक ख्याति प्राप्त मंदिर राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा गांव में स्थित है। चौथ माता के नाम पर इस गांव का नाम बरवाड़ा से चौथ का बरवाड़ा पड़ गया। चौथ माता मंदिर की स्थापना महाराजा भीम सिंह चौहान ने की थी। इस अवसर पर सपना शर्मा, कविता थौर, सीमा रानी, कमलप्रीत कौर, जसविदर कौर, रजनी, बलजीत कौर, माही कौर, संतोष कौर, निहारिका, सिप्पी कौर भी मौजूद रहीं।

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