तीन पार्षदों समेत छह नेता इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खन्ना के सदस्य मनोनीत

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खन्ना के छह सदस्यों को मनोनीत करने का नोटीफिकेशन शुक्रवार को पंजाब सरकार की तरफ से जारी कर दिया। इसमें तीन पार्षद हैं तो तीन सदस्य शहर में से लिए गए हैं। कांग्रेस ने इन सदस्यों को मनोनीत करते वक्त 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर वोट बैंक को साधने की कोशिश भी की है। इसी के चलते दो एससी सदस्यों को शामिल किया गया है जिनमें एक महिला भी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:27 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:27 PM (IST)
तीन पार्षदों समेत छह नेता इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खन्ना के सदस्य मनोनीत
तीन पार्षदों समेत छह नेता इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खन्ना के सदस्य मनोनीत

जागरम संवाददाता, खन्ना : इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खन्ना के छह सदस्यों को मनोनीत करने का नोटीफिकेशन शुक्रवार को पंजाब सरकार की तरफ से जारी कर दिया। इसमें तीन पार्षद हैं तो तीन सदस्य शहर में से लिए गए हैं। कांग्रेस ने इन सदस्यों को मनोनीत करते वक्त 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर वोट बैंक को साधने की कोशिश भी की है। इसी के चलते दो एससी सदस्यों को शामिल किया गया है, जिनमें एक महिला भी है। ट्रस्ट के चेयरमैन गुरमिदर सिंह लाली ने नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि सब मिलकर शहर के विकास में योगदान देंगें।

मनोनीत सदस्य

- वार्ड 12 के पार्षद गुरमीत नागपा

- वार्ड 17 से पार्षद सुरिदर बावा (एससी)

- वार्ड 29 से अमरजीत कौर (एससी महिला)

- फोकल प्वाईंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान तजिदर पाल शर्मा

- कांग्रेस नेता राजेश सोफत मेशी

- कांग्रेस नेता राजेश जोशी बबली लाली के खास नीटा का नाम गायब

काफी समय से लगाई जा रही अटकलों के विपरीत आई इस सूची में एक ऐसा नाम गायब मिला है, जिसके इसमें शामिल होने की पूरी संभावना थी। चेयरमैन लाली के बेहद खास माने जाने वाले वार्ड छह के पार्षद सुनील कुमार नीटा का नाम इसमें नहीं है। माना जा रहा था कि नीटा का नाम इस सूची में जरूर आएगा, लेकिन नीटा का नाम गायब होने से शहर में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं।

एससी सदस्यों के चुनाव में कहीं चूक तो नहीं

ट्रस्ट के सदस्यों में एससी को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश के बीच एक बड़ी चूक कांग्रेस से हुई दिखाई दे रही है। चह में से दो सदस्य सुरिदर कुमार बावा और अमरजीत कौर एससी हैं। दोनों ही बाजीगर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। इससे रविदास समाज और वाल्मीकि समाज जैसे प्रमुख समाजों को प्रतिनिधित्व नहीं देना कांग्रेस के लिए सियासी नुक्सान के रूप में बदल सकता है। खन्ना विधानसभा सीट पर इन दोनों समाजों का वोट बैंक अन्य एससी बिरादरियों के वोट बैंक से कहीं ज्यादा है।

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