गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में किया गणपति पूजन

शनिवार को श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर समराला रोड में भगवान गणपति पूजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 08:03 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:03 PM (IST)
गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में किया गणपति पूजन
गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में किया गणपति पूजन

जागरण संवाददाता, खन्ना : शनिवार को श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर समराला रोड में भगवान गणपति पूजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि देवी-देवताओं का विसर्जन क्यों किया जाता है? जैसा कि हमारे वेदों में कहा गया है कि सभी देवी-देवता मंत्रों से बंधे हैं। उन्हें मंत्रों के द्वारा अपने लोक से बुलाया जाता है। जिन प्रतिमाओं को स्थापित करके मंत्रों द्वारा उनमें प्राण प्रतिष्ठा डाली जाती है। वही प्रतिमा देव रूप होती है और उन्हीं का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के समय देवी लक्ष्मी और सरस्वती के अलावा सभी देवी-देवताओं से कहा जाता है।

उन्होंने बताया कि देवता का नाम लेकर, क्षमस्व स्वस्थानम गच्छ मंत्र पढ़ा जाता है। इसका मतलब है कि आप अब अपने स्थान पर जाएं। शास्त्री ने बताया कि जैसे हमारे शास्त्रों में कहा गया कि विसर्जन के पीछे जीवन-मृत्यु का रहस्य है। विसर्जन का नियम इसलिए है कि पृथ्वी लोक के प्राणियों को यह समझना चाहिए कि संसार एक चक्र के रूप में चलता है। भूमि पर जो भी प्राणी आया है वह प्राणी अपने स्थान को फिर लौटकर जाएगा। फिर समय आने पर पृथ्वी पर लौट आएगा।

विसर्जन का अर्थ है मोह से मुक्ति, आपके अंदर जो मोह है उसे विसर्जित कर दीजिए। आप बप्पा की मूर्ति को बहुत प्रेम से घर लाते हैं उनकी छवि से मोहित होते हैं लेकिन उन्हें जाना होता है इसलिए मोह को उनके साथ विदा कर दीजिए और प्रार्थना कीजिए कि बप्पा फिर लौटकर आएं, इसलिए कहते हैं गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ।

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