आरोपित बलजिदर को राहत देने वाला फर्जी आदेश कोर्ट को दिखाया

सचिन आनंद खन्ना पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश को शनिवार को खन्ना की अदालत में जांच अधिकारी द्वारा पेश किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 07:00 AM (IST)
आरोपित बलजिदर को राहत देने वाला फर्जी आदेश कोर्ट को दिखाया
आरोपित बलजिदर को राहत देने वाला फर्जी आदेश कोर्ट को दिखाया

सचिन आनंद, खन्ना

खन्ना सदर थाना में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को निर्वस्त्र करने के आरोपित बलजिदर सिंह को राहत देने वाले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश को शनिवार को खन्ना की अदालत में जांच अधिकारी द्वारा पेश किया गया। आदेश के अनुसार अदालत ने बलजिदर सिंह को 28 सितंबर तक जेल में नहीं भेजने के आदेश दिए थे। अदालत ने भी इस आदेश को एक बार स्वीकार कर लिया, लेकिन हड़कंप मच तब मचा जब आदेश के फर्जी होने की बात सामने आई। बताते हैं कि मामले को लेकर जज अरुण गुप्ता द्वारा रात को ही वीडियो कांफ्रेंसिग से संबंधित पक्षों से जवाब तलबी की। नया मोड़ तब आया जब रविवार की सुबह एडवोकेट गुनिदर सिंह बराड़ ने एसपी (एच) तेजिदर सिंह संधू व सिविल अस्पताल के डॉ. मनिदर सिंह भसीन समेत चार लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की है। अन्य दो लोगों में जांच अधिकारी एएसआइ जगतार सिंह और आरोपित बलजिदर सिंह शामिल हैं।

शिकायत में एडवोकेट बराड़ ने आरोप लगाया कि आरोपित बलजिदर सिंह को बचाने के लिए अदालत को गुमराह करने की साजिश रची गई है। शनिवार को हाईकोर्ट का 24 सितंबर का आदेश अदालत में एएसआइ जगतार सिंह ने अदालत को सौंपा। इसमें बलजिदर सिंह को 28 सितंबर तक जेल नहीं भेजने के आदेश थे। बराड़ के अनुसार जब उन्होंने इस आदेश को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की वेबसाइट पर चेक किया तो देखा कि उस आदेश में बलजिदर सिंह सुनाम निवासी कोई और व्यक्ति था। इसके अलावा उस मामले की एफआइआर और उसकी तारीख भी अलग थी। एडवोकेट बराड़ ने चारों पर कोर्ट को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। अदालत ने इस संबंध में सोमवार तक सभी पक्षों से जवाब मांगा है।

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अदालत में अपना जवाब दाखिल करेंगे: डॉ. भसीन

सिविल अस्पताल के डॉ. मनिदर सिंह भसीन ने कहा कि आदेश का उनसे क्या लेना-देना है। उन्हें उच्चाधिकारियों की तरफ से आदेश की कॉपी मिली थी। उन्होंने किसी को कॉपी नहीं दी। किशनगढ़ आइसोलेशन सेंटर में बलजिदर सिंह एडमिट था। वह सेंटर सिविल अस्पताल पायल के अधीन आता है। उससे खन्ना सिविल अस्पताल का कुछ लिक ही नहीं है। पता नहीं उन्हें इस मामले में क्यों शामिल किया गया है। वे अदालत में अपना जवाब दाखिल कर देंगे।

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जो सेहत विभाग ने दिया, वही पेश किया : एसपी

खन्ना के एसपी (एच) तेजिदर सिंह संधू ने कहा कि उन्हें सेहत विभाग की तरफ से यह आदेश दिया गया था। इस संबंध में पायल के एसएमओ अपनी गलती को स्वीकार भी कर चुके हैं। शिकायत में लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। वे उनका जवाब सोमवार को अदालत को देंगे। संधू ने कहा कि आदेश से छेड़छाड़ नहीं की गई है। नाम एक होने की वजह से ही सेहत विभाग को कंप्यू•ान हो गई थी।

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बलजिदर सिंह को भेजा जेल

इस, बीच खन्ना पुलिस की तरफ से आरोपित पूर्व एसएचओ बलजिदर सिंह को पटियाला जेल भेज दिया है। बलजिदर को 8 सितंबर को ही खन्ना की अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, लेकिन कोरोना पॉजिटिव आने के बाद तब से बलजिदर सिंह को आइसोलेशन पर रखा गया था। अब आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद आखिर बलजिदर को जेल की सैर करनी ही पड़ी। एसपी (एच) तेजिदर सिंह संधू ने बलजिदर को पटियाला जेल भेजे जाने की पुष्टि की।

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