बरसात से रेलवे लाइन पार इलाके जलमग्न
मंगलवार की रात से हो रही लगातार बरसात से चाहे लोगों को गर्मी से राहत मिली है पर इस बारिश से ललहेड़ी रोड स्थित रेल लाइन पार इलाके का बहुत बुरा हाल सामने आया है। इलाके की गलियों में दलदल और कीचड़ फैल गया है। इससे सारा दिन छोटे-छोटे हादसे होते रहे। हालात यह हो गए कि इलाके के लोगों का सारा दिन घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। इलाका कई दशकों से विकास को तरस रहा है।
जागरण संवाददाता, खन्ना : मंगलवार की रात से हो रही लगातार बरसात से चाहे लोगों को गर्मी से राहत मिली है पर इस बारिश से ललहेड़ी रोड स्थित रेल लाइन पार इलाके का बहुत बुरा हाल सामने आया है। इलाके की गलियों में दलदल और कीचड़ फैल गया है। इससे सारा दिन छोटे-छोटे हादसे होते रहे। हालात यह हो गए कि इलाके के लोगों का सारा दिन घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। इलाका कई दशकों से विकास को तरस रहा है। पहले सीवरेज की व्यवस्था न होने के कारण बारिश लोगों के लिए आ़फत बनती थी पर केंद्र सरकार की अमरूत स्कीम में खन्ना आने से सीवरेज और वाटर स्पलाई का काम शुरू किया गया। आधिकारियों की लेटलतीफी के कारण काम अभी भी अधूरा पड़ा है। विकास के लिए खोदी गई गलियां विनाश का रूप धारण कर चुकी हैं।
लोगों ने कहा, जीते जी हुए नरक देख लिया
इलाका निवासियों कुलदीप कौर गगन कालीराव, मानिक सहगल, कमल प्रापर्टी, नरिन्दर कुमार पिकी, जसवीर सिंह जस्सी, हरजीत कौर ने बताया कि इलाके की हालत इतनी बदतर बन चुकी है कि बीमारी या किसी •ारूरी काम के लिए लोग घर से अपने वाहन ले कर नहीं निकल सकते। वाहनों के निकलने के लिए कोई ढंग का रास्ता ही नहीं है। इलाके के लोग बारिश आने पर खुश नहीं, बल्कि निराश हो जाते हैं। उन्हें जीते जी नरक के दर्शन हो गए हैं।
चींटी की चाल से भी धीमा विकास : यादू
अकाली नेता यादविंदर सिंह यादू ने कहा कि शहर के लोगों को सीवरेज और वाटर सप्लाई की सुविधा देने के लिए अकाली दल की सरकार की तरफ केंद्र सरकार से खन्ना को अमरूत स्कीम अधीन लाया गया था। अब यह विकास चींटी से भी धीमी चाल से चल रहा है। शहर की खराब किस्मत के चलते कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आ गई। आगामी चुनाव में लोग कांग्रेस को सबक सिखाएंगें।
जल्दी होगा लोगों की समस्या का हल: एसडीओ
एसडीओ सीवरेज बोर्ड गुरतेज सिंह ने कहा कि बहुत से इलाको में सीवरेज डाल दिया गया है। जहां सीवरेज नहीं डल पाया उसकी अलग सूची बनाई गई है। इसके टैंडर लगने के बाद काम शुरू होगा। दो ढाई महीनो में सारा काम मुकम्मल हो जाएगा। लोगों की समस्याओं का हल भी जल्द ही होने वाला है।