Coronavirus Effect: पंजाब की इंडस्ट्री पर फिर पड़ी कोरोना की मार, महीने में दूसरी बार बढ़े स्टील के दाम
सीआइसीयू के प्रधान उपकार सिंह आहूजा एवं महासचिव पंकज शर्मा ने कहा कि पिछले 6 महीने से मैनुफेक्चरिंग सेक्टर को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। स्टील प्लास्टिक पॉलीमर कॉपर यार्न के दाम बढ़ने से उद्योगपति मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब की इंडस्ट्री पर एक बार फिर कोरोना संकट की मार पड़ी है। लुधियाना में एक महीने में स्टील के दामों में दूसरी बार इजाफे से इंडस्ट्री के लोग परेशान हैं। इसकी उद्योग जगत ने कड़ी निंदा की है। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कॉमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) के प्रधान उपकार सिंह आहूजा एवं महासचिव पंकज शर्मा ने कहा कि पिछले 6 महीने से मैनुफेक्चरिंग सेक्टर को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। स्टील, प्लास्टिक, पॉलीमर, कॉपर, यार्न के दाम बढ़ने से उद्योगपति मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय स्टील के दाम ऐतिहासिक रूप से सर्वोच्च स्तर पर हैं। दाम 3 से 4 हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ गए हैं। इसकी मुख्य वजह कंपनियों की और से घरेलू बाजार की मांग पूरी करने के बजाए एक्सपोर्ट पर फोकस किया जाना है। इसके चलते मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को भारी नुकसान सहन पड़ रहा है। चीन जैसे देशों का मुकाबला करने के लिए उत्पादों की इनपुट कास्ट अधिक हो गई है। भारतीय उत्पादों की एक्सपोर्ट कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। इसको लेकर सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए। जब तक स्टील के दाम नियंत्रण में नही आते तब तक इसकी एक्सपोर्ट बंद करनी चाहिए।
MSME को प्राथमिकता दे सरकार
स्टील अथारटी ऑफ इंडिया को MSME को प्राथमिकता के आधार पर स्टील उपलब्ध करवाना चाहिए। पीआईएल के अधीन स्टील सेक्टर को अग्रसर करना चाहिए। इसके साथ ही स्टील की खपत देखते हुए प्रोडक्शन में इजाफा करना चाहिए। बिना एमएसएमई देश पांच ट्रिलियन के सपने को पूरा नहीं कर सकता है।
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