Make In India: मेक इन इंडिया उत्पादों से ही देश की तरक्की संभव, इनोवेशन पर काम कर रही कंपनी
Make In India मेक इन इंडिया उत्पादों से ही देश की तरक्की के साथ-साथ इंडस्ट्रीयल ग्रोथ की जा सकती है। जब तक हमारे उत्पाद स्वदेशी नहीं होंगे तब तक हम दूसरे देशों पर आश्रित रहेंगे और इससे हमारी इंडस्ट्री ग्लोबल मार्केट में ग्रोथ के रास्ते पर अग्रसर नहीं हो सकेगी।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। मेक इन इंडिया उत्पादों से ही देश की तरक्की के साथ-साथ इंडस्ट्रीयल ग्रोथ की जा सकती है। जब तक हमारे उत्पाद स्वदेशी नहीं होंगे, तब तक हम दूसरे देशों पर आश्रित रहेंगे और इससे हमारी इंडस्ट्री ग्लोबल मार्केट में ग्रोथ के रास्ते पर अग्रसर नहीं हो सकेगी। अब ग्लोबल मार्केट के दौर में हमें सेल्फ मेड होना होगा। इसी सिद्धां को लेकर कंपनी की ओर से पूर्ण स्वदेशी और मेक इन इंडिया कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है।
इसमें कई अहम उत्पाद बनाने में सफलता मिली और आने वाले समय में विदेश से आयात होने वाले कई उत्पादों का निर्माण भारत में ही करके मेक इन इंडिया को अग्रसर करने का लक्ष्य है। इसके लिए कंपनी का अगले पांच साल का लक्ष्य टर्नओवर 4 हजार करोड़ रुपये करना है, जोकि इस समय 2 हजार करोड़ है। यह कहना है आइओएल केमिकल एवं फार्मास्यूटिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर वरिंदर गुप्ता का।
कोविड से इंडस्ट्री किस तरह उभर रही है?
- कोविड काल के दौरान पंजाब के उद्योगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसमें आर्थिक दृष्टि से भी और प्रोडक्शन प्रोसेस में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब इंडस्ट्री धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। कई देशों से भी भारत के बिजनेस के लिए इंक्वयारी जेनरेट हो रही है। ग्लोबल मार्केट में भारतीय क्वालिटी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है।
कंपनी का फोकस क्या है?
- कंपनी का सदा फोकस मेक इन इंडिया उत्पादों को लेकर रिसर्च एंड डेवलपमेट (आरएंडडी) पर रहता है। कई ऐसे उत्पाद कंपनी ने भारत में ही तैयार किए हैं, जिनके लिए पहले विदेशी मार्केट पर आश्रित रहना पड़ता था। इस समय कंपनी के पंजाब में नौ प्लांट है और दो हजार करोड़ रुपये है। कंपनी की लक्ष्य आने वाले पांच साल में इसे चार हजार करोड़ रुपये करने का है। इसके लिए कंपनी तेजी से इनोवेशन पर काम कर रही है।
चीन में प्रोडक्शन प्रभवित होने से भारत पर क्या असर होगा?
- चीन में प्रोडक्शन प्रभावित होने से इसका असर केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में पड़ेगा। इससे कच्चे मैटीरियल को लेकर जहां परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, वहीं यह चुनौती के साथ-साथ अवसर में भी तब्दील हो सकता है। क्योंकि अब ग्लोबल बाजार में चीन के साथ साथ भारत के लिए भी विश्वास बढ़ा है। ऐसें में भारतीय कंपनियों के लिए यह अवसर के रुप में तब्दील हो सकता है। इसलिए नए इनोवेशन पर फोकस करना होगा।
पंजाब में उद्योग के लिए किस तरह की चुनौतियां हैं?
- पंजाब की इंडस्ट्री पोर्ट से दूर होने के साथ-साथ यहां हर चीज दूसरे राज्यों और देशों से लानी पड़ती है। ऐसे में यहां के उद्यमियों के आत्मबल और प्रोग्रेसिव सोच से पंजाब की इंडस्ट्री ग्रोथ कर रही है। पंजाब की पोर्ट से दूरी को देखते हुए सरकार को फ्रेट सब्सिडी सहित प्रमुख योजनाओं का लाभ पंजाब उद्योग को देना चाहिए।