लुधियाना में किसान संघर्ष मोर्चा ने खालसा का स्थापना दिवस और जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी मनाई

लुधियाना के जगराओं में खालसा के स्थापना दिवस व जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी मनाते हुए मंगलवार को संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा में धरनाकारियों ने संघर्ष तेज करने का फैसला लिया। किसानों ने कहा कि यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा और तीनों कृषि कानूनों को रद करवाया जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:36 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:36 PM (IST)
लुधियाना में किसान संघर्ष मोर्चा ने खालसा का स्थापना दिवस और जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी मनाई
मंगलवार को रेलवे स्टेशन पार्क में खालसा का स्थापना दिवस व जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी मनाते किसान।

जगराओं (लुधियाना), जेएनएन। खालसा के स्थापना दिवस व जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी की मनाते हुए मंगलवार को संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा में धरनाकारियों ने संघर्ष तेज करने का फैसला लिया। इस मौके पर लखबीर सिंह सिद्धू, इंकलाबी कविश्री जत्था रसूलपुर, राम सिंह हठूर व रूमी की बच्चियों जसमीन व हरमन व गांव के बारदेके के सात साल के बच्चे ने हारमोनियम पर गीत पेश किए। मास्टर महिंदर सिंह कमालपुरा जिला कार्यकारी प्रधान, इंद्रजीत सिंह धालीवाल जिला सचिव, दर्शन सिंह गालिब के नेतृत्व में धरने दिया गया। ब्लाक वित्त सचिव धर्म सिंह सुजापुर ने मंच संचालन किया।

किसान नेता हरदेव सिंह संधू ने कहा कि इन दोनों महान घटनाओं से प्रेरणा लेकर किसानों को तीनों कृषि कानूनों खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा। तर्कशील नेता सुरजीत दोधर ने कहा कि खालसा की स्थापना का मकसद बराबरी पर आधारित जाति-पांत रहित समाज बनना था। ये कार्य अभी अधूरा है। भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के प्रधान तरसेम सिंह बसूवाल, महिला प्रधान दलजीत कौर, प्रो. सुखचरणप्रीत सिंह झोरड़ा, किसान नेता गुरप्रीत सिंह सिधवां कलां ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना व जलियांवाला बाग के शहीदों की कुर्बानी किसान संघर्ष को बढ़ाने के लिए अग्नि का काम करेगी। 

उधर, चौकीमान टोल-प्लाजा पर भी किसान संघर्ष मोर्चा व ग्रामीण मजदूर यूनियन की ओर से धरना दिया गया। यहां पर खालसा पंथ की स्थापना व जलियांवाला बाग के साके के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। किसानों ने कहा कि यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा और तीनों कृषि कानूनों को रद करवाया जाएगा।

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