लुधियाना में किसान नेता बोले- दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर हमला करने की साजिश करेंगे नाकाम

किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली में शांति से संघर्ष कर रहे किसान मजदूरों को हकुमत शायद कमजोर समझती है। उन्होंने कहा कि अभी तक साढ़े तीन सौ से अधिक किसानों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी है। किसान मजदूर मरने से नहीं डरते।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:15 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:15 PM (IST)
लुधियाना में किसान नेता बोले- दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर हमला करने की साजिश करेंगे नाकाम
जगराओं में कृषि कानूनों के खिलाफ धरना देते हुए किसान। (जागरण)

जगराओं (लुधियाना), जेएनएन। किसान संघर्ष मोर्चा ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के विरुद्ध धरने के 200 दिन पूरे कर लिए हैं। रविवार को रेलवे स्टेशन पार्क जगराओं में किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की हकुमत के दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने पर हमलों की साजिश को नाकाम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले दो सौ दिन से अधिक पंजाब भर व साढ़े 4 महीने से दिल्ली में शांति से संघर्ष कर रहे किसान मजदूरों को हकुमत शायद कमजोर समझती है। उन्होंने कहा कि अभी तक साढ़े तीन सौ से अधिक किसानों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी है। किसान मजदूर मरने से नहीं डरते। अगर ऐसा होता तो वे पहले दिन ही संघर्ष के रास्ते पर नहीं चलते।

इस मौके पर किसान नेता हरचंद सिंह ढोलन, कुलविंदर सिंह ढोलन, हरभजन सिंह दोधर, गुरमुख सिंह बारदेके, बिकर सिंह, मदन सिंह ग्रामीण मजदूर यूनियन मशाल ने सरकार को चेतावनी दी कि वह कहीं दही के भ्रम में कपास को मुंह न मार ले। उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर हमला करने की साजिश पूरी तरह नाकाम कर दी जाएगी। इस मौके पर कंवलजीत खन्ना ने कहा कि 20 अप्रैल को किरतीयों के कवि, गीतकार संत राम उदासी का जन्मदिन इंकलाबी जोश से मनाया जाएगा। इस मौके पर बारदेके गांव से सात वर्ष के छोटे बच्चे हरमनदीप ने प्यारा शबद गायन करके धरना दे रहे किसानों का दिल जीत लिया।

chat bot
आपका साथी