Punjab Investor Summit: लुधियाना के उद्यमी बाेले-5 रुपये प्रति यूनिट बिजली सहित कई मांगाें काे सरकार करे हल

Punjab Investor Summit आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिन्दल ने कहा कि बिजली बोर्ड के आंकड़ो के मुताबिक कोविड के दौरान 2019-20 में 10617 स्माल पावर 3210 मध्यम और 442 बड़े यूनिट्स पंजाब में बंद हुए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 02:41 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 02:51 PM (IST)
Punjab Investor Summit: लुधियाना के उद्यमी बाेले-5 रुपये प्रति यूनिट बिजली सहित कई मांगाें काे सरकार करे हल
नए निवेश लाने की तैयारी में सरकार, पुरानी इंडस्ट्री पर भी ध्यान दे सरकार। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Punjab Investor Summit: पंजाब सरकार की ओर से 26 एवं 27 अक्टूबर को लुधियाना में आयोजित की जा रही इन्वेस्टर समिट को लेकर जहां विभिन्न विभागों की ओर से इसे सफल बनाने के लिए तैयारियों की जा रही हैं, वहीं इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार नए निवेश को लेकर तो सुविधाएं दे रही है। लेकिन मौजूदा सिक यूनिट्स के लिए भी पॉलिसी बनानी चाहिए। ताकि मौजूदा यूनिट्स भी अग्रसर हो और रोजगार के साधन मिल सके। उद्यमियों ने कहा कि कोविड के चलते जहां एमएसएमई यूनिट्स को दो चार होना पड़ रहा है। वहीं सरकार की ओर से किए गए चुनावी वायदे अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं।

इसमें 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली से लेकर पंजाब में इंडस्ट्रीयल ग्रोथ के लिए कई तरह की सुविधाएं दिए जाने की बात कही गई थी। लेकिन सरकार के पांच साल पूरे होने को हैं, लेकिन इंडस्ट्री खासकर एमएसएमई को कोई सुविधा नहीं मिल पाई है। इसी के चलते पिछले 5 सालों में भारी संख्या में इंडस्ट्री बंद की ओर अग्रसर हो गई है।

आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिन्दल ने कहा कि बिजली बोर्ड के आंकड़ो के मुताबिक कोविड के दौरान 2019-20 में 10617 स्माल पावर, 3210 मध्यम और 442 बड़े यूनिट्स पंजाब में बंद हुए हैं।लेकिन राज्य सरकार ने राज्य के उद्योगों को कोई राहत देने के लिए कभी नहीं रुख किया। इसी अवधि में उद्योगों का लोड भी कम हुआ क्योंकि छोटे बिजली कनेक्शनों का लोड 1099243 केवीए से घटकर केवीए 1055227, मध्यम स्तर के उद्योगों का लोड 20229163 केवीए से घटकर केवीए 1608963 हो गया और बड़े पैमाने पर उद्योगों का लोड 6752580 केवीए से घटकर केवीए 5874316 हो गया। इसलिए सरकार को एमएसएमई को लेकर भी योजनाएं तैयार करनी चाहिए।

फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि इंडस्ट्री को इस समय आक्सीजन की आवश्यकता है। नए निवेश को लाने के साथ साथ मौजूदा सिक युनिट्स को राहत देनी चाहिए। सरकार को विभिन्न इंडस्ट्रीयल डिस्पयूट को ओटीएस के जरिए तत्काल समाप्त करना चाहिए। ताकि सरकार के पैसे बचने के साथ साथ इंडस्ट्री को राहत मिल सके।

केपी इंडस्ट्री के राजन गुप्ता के मुताबिक किसी भी प्रदेश की ग्रोथ में इंडस्ट्रीयल विकास जरूरी है। इसके लिए सरकार ने योजनाएं तो लाई, लेकिन इसको लागू करने में काफी समय बीत रहा है। सरकार को तत्काल इसपर काम करना चाहिए। सरकार मौजूदा इंडस्ट्री को बचाने के लिए राहत पैकेज की घोषणा करें, प्रदेश स्तर की योजनाओं के साथ साथ स्किल डेव्लपमेंट पर भी सरकार ध्यान दे।

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