लुधियाना सिविल अस्पताल के कोविड आइसीयू में संक्रमितों के साथ बैठ रहे स्वजन, रोकने वाला कोई नहीं

लुधियाना सिविल अस्पताल में लेवल टू में 55 बेड व लेवल थ्री में 16 बेड रखे गए हैं। कोविड वार्ड में बड़ी लापरवाही सामने आई। वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों के साथ साथ उनके स्वजन भी बैठे हुए थे।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:54 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:54 AM (IST)
लुधियाना सिविल अस्पताल के कोविड आइसीयू में संक्रमितों के साथ बैठ रहे स्वजन, रोकने वाला कोई नहीं
लुधियाना सिविल अस्पताल के हर वार्ड में बदइंतजामी के तस्वीर ही सामने आई।

लुधियाना, [आशा मेहता]। कोरोना के केस तेजी से कम होने के बाद मंगलवार को सेहत विभाग ने सिविल अस्पताल की पुरानी इमारत में ओपीडी शुरू कर दी है। अस्पताल में अब आम मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज भी शुरू हो गया है। पहले दिन की ओपीडी में 268 मरीज विशेषज्ञ डाक्टरों से जांच करवाने के लिए पहुंचे। ओपीडी ब्लाक में मेडिसन, ओर्थो, ईएनटी, सर्जरी और आंखों के विशेषज्ञ मौजूद रहे। मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़ मेडिसन विभाग में डा. अमनदीप कौर की आोपीडी के बाहर रही। खांसी, जुकाम, बुखार, शुगर सहित दूसरी बीमारियों के मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे।

ओपीडी शुरू होने के पहले दिन दैनिक जागरण की टीम ने सुबह साढ़े 11 से दोपहर दो बजे तक अस्पताल के वार्डों का मुआयना कर व्यवस्था का जायजा लिया। हर वार्ड में बदइंतजामी के तस्वीर ही सामने आई। संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को पहली मंजिल पर भर्ती किया जा रहा है। यहां लेवल टू में 55 बेड व लेवल थ्री में 16 बेड रखे गए हैं। कोविड वार्ड में बड़ी लापरवाही सामने आई। वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों के साथ साथ उनके स्वजन भी बैठे हुए थे। ऐसा ही हाल कोविड आइसीयू में भी था। वेंटिलेटर पर चल रहे गंभीर मरीजों के साथ परिवार से दो-दो लोग मौजूद थे। स्वजनों ने सिर्फ कपड़े का मास्क पहना हुआ था। किसी ने न तो पीपीई किट पहनी थी और न ही गलब्स पहने थे। मौके पर डाक्टर या नर्सिंग स्टाफ मौजूद नहीं था। मरीजों के स्वजनों को अंदर आने से कोई रोकने वाला नहीं था। आइसीयू का हाल ऐसा था, जैसे पार्क में लोग अपनी मर्जी से टहल रहे हैं। हालांकि आइसीयू के प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था कि आइसीयू के अंदर मरीज के रिश्तेदार का आना मना है। यही स्वजन आइसीयू से बाहर निकलकर ओपीडी ब्लाक व इमरजेंसी में अन्य लोगों के बीच आराम से घूम रहे थे।

बेड पर चादरें नहीं, शौचालयों पर ताले

ओपीडी ब्लाक में महिलाओं के लिए बनाए शौचालय पर ताला जड़ा हुआ था। ट्रोमा वार्ड में ओर्थो व गेस्ट्रो वार्ड में भर्ती कई मरीजों के बेड पर चादर तक नहीं बिछाई गई थी। वार्ड में 13 मरीज भर्ती थे। तीमारदारों ने बताया कि सोमवार रात से मरीजों के बेड पर चादर नहीं है। स्टाफ से भी कहा लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। यहां पर भी मरीजों के लिए एक भी शौचालय सही नहीं था। नर्सिंग स्टाफ उन्हें पहले स्ट्रोक रूम में बनाए गए शौचालय में भेजा जा रहा था। जब लोग वहां पहुंचे तो वह भी खराब था। मजबूरी में इन लोगों को कोविड वार्ड में बने शौचालयों का प्रयोग करना पड़ रहा था।

अस्पताल जाकर खुद करूंगी जांच : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. किरण आहलुवालिया का कहना है कि ओपीडी शुरू करने से पहले ही एसएमओ को यह देखना चाहिए था कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी न आए। कोविड आइसीयू में परिजनों के अंदर जाने पर सख्त मनाही है। वह खुद सिविल अस्पताल जाकर इसकी जांच करेंगी। लापरवाही पाई गई तो जवाबतलबी होगी।

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