व्यापार व एमएसएमई के कल्याण के लिए प्रयासरत है कस्टम विभाग : एएस रंगा

लुधियाना सीमा शुल्क आयुक्तालय पंजाब के प्रमुख जिलों के अलावा हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ यूटी में तैनात हैं और केंद्र का राजस्व को बढ़ाने के साथ क्षेत्र के व्यापार को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:44 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:44 AM (IST)
व्यापार व एमएसएमई के कल्याण के लिए प्रयासरत है कस्टम विभाग : एएस रंगा
व्यापार व एमएसएमई के कल्याण के लिए प्रयासरत है कस्टम विभाग : एएस रंगा

मुनीश शर्मा, लुधियाना : लुधियाना सीमा शुल्क आयुक्तालय पंजाब के प्रमुख जिलों के अलावा हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ यूटी में तैनात हैं और केंद्र का राजस्व को बढ़ाने के साथ क्षेत्र के व्यापार को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है। विभाग ने करोड़ों के सीमा शुल्क चोरी के मामलों का खुलासा करने के अलावा पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के बावजूद 1885 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया। ये बात कस्टम कमिश्नर एएस रंगा ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत के दौरान कहीं। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :

- पिछले कुछ समय से राजस्व चोरी के मामलों में विभाग ने कई बड़े खुलासे किए। इनमें प्रमुख मामले कौन से थे?

पिछले साल में आयुक्तालय की एसआइआइबी शाखा द्वारा ऐसे 49 मामले दर्ज कर 91.46 करोड़ का माल जब्त किया। इसमें 18 करोड़ का सीमा शुल्क शामिल था। बकाएदारों से 10 करोड़ की वसूली भी की गई। सुपारी (बीटल नट्स) की गलत घोषणा से संबंधित एक मामले में कार्यप्रणाली को परिचालित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में गलत घोषित माल की जब्ती हुई। अकेले इस कमिश्नरेट में जब्त सुपारी का मूल्य रु. 5.72 करोड़ है। इसके अलावा, हवाई अड्डे पर सरकार के पास जब्त सोना जमा करके 9.48 करोड़ रुपये की वसूली की गई। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कमिश्नरी द्वारा दो प्रमुख मामले दर्ज किए गए।

- कोविड काल के दौरान कस्टम के राजस्व की क्या स्थिति रही?

किसानों के आंदोलन, कोविड-19 महामारी और मालगाड़ियों के संचालन में बाधा के बावजूद 2020-21 के दौरान लुधियाना सीमा शुल्क ने लगातार काम किया। 2020-21 के दौरान उत्पन्न कुल शुद्ध सीमा शुल्क राजस्व 1885.20 करोड़ रुपए (बीसीडी आईजीएसटी) रहा। इसके अलावा 58050 शिपिग बिलों के मुकाबले 321 करोड़ रुपये की ड्राबैक राशि निकाली गई। इसी तरह, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 28517 शिपिग बिलों के मुकाबले 1275 करोड़ रुपये के आईजीएसटी रिफंड स्क्रॉल को भी स्क्रॉल किया गया।

- आयतकों को सुविधाएं और डिजिटलाइजेशन में विभाग की कार्यप्रणाली कहां खड़ी है?

अखिल भारतीय एईओ अभियान के तहत सीमा शुल्क आयुक्तालय, लुधियाना ने सीआइसीयू के सहयोग से शिविर का आयोजन किया गया। आयतकों को एईओ आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई और एईओ मान्यता प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए संबंधित संदेहों को स्पष्ट किया गया। पिछला साल इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि आयातित सामानों का फेसलेस असेसमेंट सफलतापूर्वक लागू किया गया था। कस्टम्स में फिजिकल इंटरेक्शन को कम करने के लिए फेसलेस असेसमेंट शुरू किया गया है। उपरोक्त के अलावा, आयातक अब रिफंड आवेदन ऑनलाइन दाखिल कर रहे हैं और बिना किसी देरी के रिफंड की समय पर मंजूरी के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। साथ ही सीमा शुल्क में दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा शुरू की गई है। विभाग की ओर से अब केंद्र द्वारा एक ई-ऑफिस ऐप विकसित किया गया था।

व्यापार को पटरी पर लाने के साथ सामाजिक दायित्व के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

कस्टम विभाग की ओर से व्यापार को दोबारा पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा फास्ट क्लीयरेंस और समय पर उद्यमियों का काम हो, इसके लिए डिजिटल को अपनाया जा रहा है। इसके साथ ही किसी तरह की विभाग के साथ धोखेबाजी न हो कंटेनरों की स्क्रीनिग पर फोकस किया जा रहा है। विभाग की ओर से समाजिक दायित्व को समझते हुए एक एनजीओ एक नूर सेवा के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

- लुधियाना कस्टम विभाग किन क्षेत्रों में विशेष तौर पर काम कर रहा है?

लुधियाना सीमा शुल्क आयुक्तालय हिमाचल प्रदेश और यूटी चंडीगढ़ व्यापार और एमएसएमई क्षेत्र के कल्याण की दिशा में लगातार काम कर रहा है। आयुक्तालय सीमा शुल्क (निवारक) आयुक्तालय, अमृतसर से बना था और 15 अक्टूबर 2014 को अस्तित्व में आया था। यह सीमा शुल्क (निवारक), दिल्ली क्षेत्र, नई दिल्ली के मुख्य आयुक्त के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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