सीएमसी ने एडीआर रिपोर्टिंग पर करवाई वर्कशाप

सीएमसी के एडवर्स ड्रग रिएक्शन मोनीटरिग सेंटर (एएमसी) की ओर से शुक्रवार को एडीआर (प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं) रिपोर्टिंग को लेकर डाक्टरों की ट्रेनिग वर्कशाप करवाई गई। इसमें सीएमसी अस्पताल के डाक्टर शामिल हुए। वर्कशाप का उदघाटन अस्प्ताल के डायरेक्टर विलियम भट्टी ने किया। उन्होंने कहा कि सभी दवाओं में एडीआर के मामलों को रिपोर्ट करके पेशेंट की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:26 PM (IST)
सीएमसी ने एडीआर रिपोर्टिंग पर करवाई वर्कशाप
सीएमसी ने एडीआर रिपोर्टिंग पर करवाई वर्कशाप

जागरण संवाददाता, लुधियाना : सीएमसी के एडवर्स ड्रग रिएक्शन मोनीटरिग सेंटर (एएमसी) की ओर से शुक्रवार को एडीआर (प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं) रिपोर्टिंग को लेकर डाक्टरों की ट्रेनिग वर्कशाप करवाई गई। इसमें सीएमसी अस्पताल के डाक्टर शामिल हुए। वर्कशाप का उदघाटन अस्प्ताल के डायरेक्टर विलियम भट्टी ने किया। उन्होंने कहा कि सभी दवाओं में एडीआर के मामलों को रिपोर्ट करके पेशेंट की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है। सीएमसी के प्रिसिपल डा. जयराज डी. पांडियन ने कहा कि भारतीय आबादी में दवाओं के एडीआर का डाटा जनरेशन महत्वपूर्ण साबित होगा। भविष्य एडीआर रिपोर्टिंग के बेहद फायदे होंगे। सभी डॉक्टरों को एडीआर की रिपोर्ट करनी चाहिए।

सीएमसी के एएमसी कोआडिनेटर डा. दिनेश बदियाल ने कहा कि सीएमसी केंद्र 10 वर्षों से सीएमसी और आसपास के संस्थानों से एडीआर की रिपोर्ट कर रहा है। एडीआर रिपोर्टिंग बेहद जरूरी है। किसी भी दवा के अलग अलग तरह के रिएक्शन से होने वाले साइड इफेक्ट को एडवर्स ड्रग रिएक्शन कहते हैं। जैसे पेन के लिए कोई दवा लेते हैं, तो कईयों को उसके बाद एसिडिटी हो जाती है। हमें यह डेटा चाहिए कि प्रतिशत लोगों को उस एक पेन किलर को लेने से एसिडिटी होती है, ताकि हम आगे बेहतर मैनेज कर सके। उन्होंने बताया कि जो भी डाक्टर एडीआर रिपोर्ट करता है, तो उसका नाम गोपनीय ही रखा जाता है।

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