पिता के पदचिन्हों पर चल रहे लुधियाना के एडवाेकट शास्वत जिंदल, जरूरतमंद बच्चों काे बांट रहे फल
शाश्वत जिंदल अब रोजाना झुग्गियों मे जााक बच्चों के साथ समय बिताते हैं और उन्हें पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें खाने-पीने की वस्तुएं भी उपलब्ध कराते हैं। हरिओम जिंंदल ने बताया कि उनकाा बेटा लंबे समय जरूरतमंद बच्चोंं की सेवा में जुटा है।
जागरण संवाददाता लुधियाना। एडवोकेट हरिओम जिंदल पिछले 20 वर्षों से लगातार झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। जिंदल ने झुग्गियों में पांच स्कूल खुले हैं जहां पर वह खुद बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। यही नहीं उन्होंने बच्चों के लिए बाकायदा एक कंप्यूटर सेंटर भी खोला है। हरिओम जिंदल बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें खाने पीने की चीजें व उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए अन्य कई कार्यक्रम भी चलाते हैं। हरिओम जिंदल के बाद उनका बेटा शाश्वत जिंदल भी अब उनके पदचिन्हों पर चलने लगे हैं।
जरूरतमंद बच्चोंं की सेवा में जुटा जिंदल परिवार
शाश्वत जिंदल अब रोजाना झुग्गियों मे जाकर बच्चों के साथ समय बिताते हैं और उन्हें पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें खाने-पीने की वस्तुएं भी उपलब्ध कराते हैं। हरिओम जिंंदल ने बताया कि उनका बेटा लंबे समय जरूरतमंद बच्चोंं की सेवा में जुटा है। स्टूडेंट लाइफ सेे ही वह बच्चों को पढ़ानेे में उनकी मदद कर रहा है। उन्होंने बताया बेटा अब लॉ ग्रेजुएट हो चुका है और अब वह नियमित रूप से बच्चों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को फल बांट रहा है।
जरूरतमंद बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना मकसद
बुधवार सुबह भी उसने अलग-अलग झुग्गियों में जाकर बच्चों को फल बांटे। शास्वत जिंदल का कहना है कि उनके पिता कई सालों से बच्चों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने बचपन से यही सीखा है कि जरूरतमंद बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि उन्हें किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़ें। उन्होंने कहा कि झुग्गियों के ये बच्चे उन्हें अपने परिवार के जैसे लगते हैं।
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