लुधियाना के कूमकलां 21 हमलावरों ने व्यक्ति को मौत के घाट उतारा, साहनेवाल के कांग्रेस नेता परिवार समेत 21 पर केस
तेजधार हथियारों से लैस होकर आए 21 लोगों ने गांव सलेमपुर के मंगत सिंह (45) की निर्मम हत्या कर दी। उसके भाई व चचेरे भाई ने भाग कर जान बचाई। गंभीर रूप से घायल मंगत को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लुधियाना, जेएनएन। यहां थाना कूमकलां के गांव सलेमपुर के मंगत सिंह (45) की तेजधार हथियारों से लैस होकर आए 21 लोगों ने निर्मम हत्या कर दी। माैके पर मौजूद उसके भाई व चचेरे भाई ने भाग कर अपनी जान बचाई। गंभीर रूप से घायल हुए मंगत सिंह को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। थाना प्रभारी हर्षपाल सिंह ने बताया कि मंगत सिंह के भाई मेवा सिंह के बयान पर साहनेवाल के कांग्रेस नेता और जिला परिषद मेंबर के पति नछत्तर सिंह, भाई काला सिंह, भाई नाम सिंह, बेटा शेर सिंह के अलावा जिंदर सिंह, पप्पा सिंह, लक्खी सिंह, मेशी सिंह, काका सिंह, लक्खी सिंह, जगतार सिंह तथा उनके 10 अज्ञात साथियों पर केस दर्ज करके उनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस को दिए बयान में मेवा सिंह ने बताया कि मंगत सिंह पर 307 की धारा में पर्चा दर्ज था। इसके कारण वह घर से फरार था। मंगलवार देर शाम मंगत सिंह का फोन आया कि वह उसे कालेवाल रोड पर पहलवानों के अखाड़े के पास आकर मिले। रात 11.30 बजे गाड़ी लेकर वहां जंगल में पहुंच गया। कुछ देर बाद मंगत सिंह और ताये का लड़का गुरमुख सिंह उसकी गाड़ी के पास पहुंचे। उसी समय कुछ गाड़ियां आकर वहां रुकीं, जिनमें से 15-20 लोग उतरे। उनके हाथों में तलवारें, रॉड, कुल्हाड़ी, दात और लाठियां थीं। वे सब उनके गांव के ही लोग थे। वह उन्हें अच्छी तरह से पहचानता हैं।
उन सभी लोगों को देख कर मंगत सिंह भागने लगा तो आरोपित नछत्तर सिंह ने दात से उसकी टांग पर हमला कर दिया। घायल हुआ मंगत सिंह वहीं गिर गया। नछत्तर सिंह के साथ उसका भाई काला सिंह, भाई नाम सिंह, बेटा शेर सिंह के अलावा जिंदर सिंह, पप्पा सिंह, लक्खी सिंह, मेशी सिंह, काका सिंह, लक्खी सिंह, जगतार सिंह के अलावा 10 ओर अज्ञात लोगों ने मंगत सिंह पर हथियारों से हमला कर दिया। इस कारण वह लहूलुहान हो गया।नछत्तर सिंह जाते समय उसकी जेब में पड़ा मोबाइल फोन भी छीन कर ले गया। उसने मंगत सिंह के हाथ में पहनी सोने की अंगूठी भी उतार ली। जाते हुए धमकी दी कि यदि उसने किसी को भी घटना की जानकारी दी तो उसका हाल भी भाई जैसा होगा। मेवा सिंह ने बताया कि वह भाई मंगत सिंह को कूमकलां अस्पताल ले गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते लुधियाना रेफर कर दिया गया मगर वहां पहुंचते ही डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया।
मेवा सिंह के अनुसार उसके भाई मंगत सिंह का हमलावार जिंदर सिंह के साथ रास्ते काे लेकर विवाद चल रहा था। नछत्तर सिंह विरोधी पक्ष की हिमायत करता था। इसी रंजिश में उन लोगों ने मंगत सिंह का कत्ल कर दिया।
ग्लाडा और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की थी शिकायत
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले मंगत सिंह ने ग्लाडा व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की थी।
उसका आरोप था कि अधिकारियों ने ग्लाडा की करीब 100 एकड़ जमीन में से मिट्टी और रेत की अवैध ढंग से माइनिंग करवा लोगों से पैसे लेकर कब्जे करवा दिए हैं।