गुरु वह नहीं जो शरीरधारी है: ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी

ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने भक्तों को आनलाइन प्रवचन करते हुए कहा कि परमात्मा आप गुरु है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 09:34 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 09:34 PM (IST)
गुरु वह नहीं जो शरीरधारी है: ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी
गुरु वह नहीं जो शरीरधारी है: ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी

जासं, लुधियाना : ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने भक्तों को आनलाइन प्रवचन करते हुए कहा कि परमात्मा आप गुरु है। गुरु वह नहीं जो शरीरधारी है। हम पाखंडों और आडंबरों के चक्कर में फंसकर शरीर को पकड़ लेते हैं। गुरु कभी नाशवान शरीर नहीं होता। गुरु का अर्थ ही गलत लगाया जाता है कि गुरु - ब्रह्मा, विष्णु, महेश है जबकि ब्रह्मा, विष्णु, महेश आप गुरु हैं। गुरु न मिटता है, न टूटता है, न इसमें मैल लगता है और न ही यह जलता है। जिस प्रकार गीता में वर्णन आता है नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि...मारुत:, अर्थात यह न तो शस्त्र द्वारा कटता है, न अग्नि इसे जला सकती है। गुरु के रहने से सभी प्रतिकूल स्थितियां अनुकूल हो जाती हैं। गुरु के प्रति अथाह श्रद्धा होने से सब नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। जिनके पास गुरु है वह कभी किसी से डरता नहीं है और न ही हारता है। गुरु के रूप में उनका दिया हुआ पाठ यदि साथ है तो वह व्यक्ति त्रिलोक पर भी विजय प्राप्त कर सकता है। वह जिस भी वस्तु की कामना करता है या चिन्तन करता है, उसे वह निश्चित रूप से प्राप्त होती है। वह व्यक्ति इस पृथ्वी पर तुलनारहित महान ऐश्वर्य का भागी होता है और सर्वदा निर्मल होकर अपराजित तथा पूजनीय वह हो जाता है।

chat bot
आपका साथी