Improvement Trust Scam: निकाय विभाग ने एडवोकेट अनु चतरथ को सौंप केस, लुधियाना BJP के विरोध के बाद फैसला

Improvement Trust Scam भाजपा के कड़े विरोध के बाद स्थानीय निकाय विभाग के सचिव ने सीनियर एडवोकेट अनु चतरथ को इस मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया है। अनु चतरथ स्थानीय निकाय विभाग की प्रमुख वकील हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:26 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:58 PM (IST)
Improvement Trust Scam: निकाय विभाग ने एडवोकेट अनु चतरथ को सौंप केस, लुधियाना BJP के विरोध के बाद फैसला
भाजपा के कड़े विरोध के बाद अनु चतरथ केस की पैरवी करेगी। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Improvement Trust Scam: इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की तरफ से दुगरी रोड पर माडल टाउन एक्सटेंशन में 3.79 एकड़ जमीन को कौड़ियों के भाव बेचे जाने के बाद स्थानीय निकाय विभाग ने यह सौदा रद कर दिया था। जिसके खिलाफ खरीददार रितेश प्रापर्टीज के मालिकों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। स्थानीय निकाय विभाग ने इस केस की पैरवी के लिए एडवोकेट संदीप खूंगर को नियुक्त किया। जिसका भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया। भाजपा का आरोप था कि एडवोकेट संदीप खूंगर केस में मजबूती से पैरवी नहीं करेंगे जिसका फायदा खरीदार को हाेगा।

इसके खिलाफ भाजपा नेता लक्की चोपड़ा व अन्य ने लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के बाहर धरना दिया था और इस संबंध में स्थानीय निकाय मंत्री व सेक्रेटरी को शिकायत भेजी थी। भाजपा के कड़े विरोध के बाद स्थानीय निकाय विभाग के सचिव ने सीनियर एडवोकेट अनु चतरथ को इस मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया है। अनु चतरथ स्थानीय निकाय विभाग की प्रमुख वकील हैं। संदीप खूंगर अब अनु चतरथ के साथ सहयोगी के तौर पर इस केस की पैरवी करेंगे। स्थानीय निकाय विभाग के सेक्रेटरी एके सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अगली पेशी पर अनु चतरथ स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से केस लड़ेंगी।

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91 करोड़ रुपये में बेच दी थी कीमती जमीन

गौरतलब है कि माडल टाउन एक्सटेंशन में 3.79 एकड़ जमीन सिर्फ 91 करोड़ रुपये में बेच दी गई थी जिस पर भाजपा ने विरोध जताया। क्योंकि इस जमीन की बाजार कीमत 350 करोड़ रुपये से ज्यादा है और बोली देने वालों ने कुछ लाख रुपये की बोली बढ़ाकर इसे खरीद लिया था। जिसके बाद इस मामले को लेकर भाजपा ने लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर को ताले भी लगाए और सरकार को इस सौदे को रद करना पड़ा था।

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