एशिया की सबसे अनाज मंडी में लगे धान के अंबार
केंद्र सरकार ने इस साल धान की सरकारी खरीद पांच दिन पहले ही शुरू कर दी। लेकिन खरीद प्रबंधों को लेकर इंतजामों में कमियां अब सामने आने लगी हैं।
सचिन आनंद, खन्ना : केंद्र सरकार ने इस साल धान की सरकारी खरीद पांच दिन पहले ही शुरू कर दी। लेकिन, खरीद प्रबंधों को लेकर इंतजामों में कमियां अब सामने आने लगी हैं। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में धान की आमद ने को तेजी पकड़ ली है। लेकिन शैलरों की अलाटमेंट नहीं होने के कारण मंडी में धान की लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। इसके चलते अनाज मंडी में धान के अंबार लगने लगे हैं। मार्केट कमेटी से मिले आंकड़ों के अनुसार अब तक 129131 क्विंटल धान की फसल की खरीद हो चुकी है और 4369 क्विंटल बिना बिके मंडी में पड़ी है। मंडी में बिके हुए माल की लिफ्टिग नहीं होने से समस्या बढ़ रही है।
खेतों में धान की कटाई ने तेजी पकड़ ली है, लेकिन जहां लिफ्टिग का काम शुरू नहीं हुआ, वहीं शैलरों की अलाटमेंट फाइनल नहीं हुई है। इस कारण अब तक की खरीदी गई फसल मंडी में पड़ी है।
66 में से 40 शैलरों की अलाटमेंट हुई : एएफएसओ उप जिला काद्य आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ) मनीष पजनी ने कहा कि कुल 66 शैलर हैं। इनमें से 40 की अलाटमेंट हो चुकी है। अलाटमेंट का काम आनलाइन किया जाता है। सारा काम वीरवार तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद लिफ्टिग की कोई समस्या नहीं आएगी।
मंडी में प्रबंध बिल्कुल ठीक : सचिव मार्केट समिति के सचिव दलविंदर सिंह ने बताया कि मंडी में धान की खरीद के प्रबंध ठीक चल रहे हैं। अब तक मंडी में से सरकारी ़खरीद एजेंसी पनग्रेन ने 61786 क्विंटल, मार्कफेड ने 29944 क्विंटल, पनसप ने 21308 क्विंटल, वेयर हाऊस ने 16093 क्विंटल धान खरीदा है। निजी व्यापारियों की तरफ से एक भी दाना नहीं खरीदा गया।। आढतियों की मांगें मानी, नहीं होंगी हड़ताल : रोशा आढ़ती एसोसिएशन खन्ना के प्रधान हरवंश सिंह रोशा ने कहा कि आढ़तियों की तरफ से एक अक्तूबर से पंजाब की मंडियों बंद करने का फैसला वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार और एफसीआइ की तरफ से उनकी ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं। इस कारण पंजाब की मंडियां अब बंद नहीं की जाएंगी। गौरतलब है कि आढ़तियों का धान के पिछले सीजन और गेहूं की आढ़त और लोडिग का करीब 236 करोड़ रुपये का बकाया खड़ा है। इस कारण एक अक्तूबर से मंडियां बंद करने की चेतावनी दी गई थी।