लुधियाना के सिविल अस्पताल में बेड फुल, मरीजों को एंबुलेंस व आटो में करना पड़ा इंतजार

लुधियाना में प्राइवेट के बाद अब सिविल अस्पताल में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बेड फुल हैं। शुक्रवार को तो हालात और भी बिगड़ गए। एकाएक गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधन की सांसें भी फूलने लगी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 08:56 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 08:56 AM (IST)
लुधियाना के सिविल अस्पताल में बेड फुल, मरीजों को एंबुलेंस व आटो में करना पड़ा इंतजार
लुधियाना में सिविल अस्पताल के बाहर आटो में इंतजार करते हुए मरीज व उनके स्वजन।

लुधियाना [विनोद पुरोहित, नरेश कपूर]। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में व्यवस्थाएं भी धराशायी होती जा रही हैं। शहर के निजी अस्पतालों में गंभीर मरीजों को पहले ही बेड के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है अब सिविल अस्पताल में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बेड फुल हैं। ऐसे में वार्ड की गैलरी में भी स्ट्रेचर पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। शुक्रवार को तो हालात और भी बिगड़ गए। एकाएक गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधन की सांसें भी फूलने लगी। बेड फुल होने के कारण मरीजों को एंबुलेंस और आटो में इंतजार करना पड़ा।

इमरजेंसी के बाहर एंबुलेंस की लाइन लग गई। कुछ मरीजों को तो इंतजार के बाद बेड मिल गया लेकिन कई लोगों को अपने मरीज लेकर निराश और हताश होकर लौटना पड़ा। मरीजों के स्वजनों ने आरोप लगाया कि प्राइवेट अस्पतालों में कहीं बेड नहीं मिल रहा है। सिविल अस्पताल ने भी और मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है। अब वह जाएं तो कहां जाएं? मरीजों के स्वजनों के रोष जताने पर सिविल अस्पताल स्थित चौकी से पुलिस को बुलाना पड़ा। दोपहर बाद में गंभीर मरीजों की संख्या बढऩे पर बंद पड़ी ओपीडी में बेड लगाए गए और वहां आक्सीजन सप्लाई देकर मरीजों को भर्ती किया गया।



बस्ती जोधेवाल के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग की तबीयत अचानक खराब हो गई। उनके बेटे इंद्रजीत ङ्क्षसह का कहना है कि उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली तो वह बैटरी वाले आटो में पिता को सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। बेड फुल थे। उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया। प्राइवेट अस्पतालों में मरीज को भर्ती किया नहीं जा रहा है। ऐसे में इंतजार के अलावा कोई रास्ता भी नहीं है। ताजपुर रोड की 62 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो बेटा सुरेश कुमार उन्हें एंबुलेंस से सिविल अस्पताल ले आया। सुरेश ने बताया कि बेड फुल हैं। अंदर जगह नहीं है। बेड का इंतजाम किया जा रहा है। तब तक एंबुलेंस में ही इंतजार करने के लिए कहा गया है। आधे घंटे बाद उन्हें भर्ती किया गया।

किसी मरीज को लौटाया नहीं
शुक्रवार की सुबह अस्पताल में बेड फुल हो गए थे जिस कारण कुछ परेशानी आई। हमने ओपीडी में कुछ बेड लगा दिए हैं। साथ ही जो मरीज काफी हद तक ठीक हो चुके थे उन्हें वद्र्धमान अस्पताल शिफ्ट कर दिया है। इसके बाद समस्या हल हो गई। किसी मरीज को वापस नहीं भेजा है। बेड की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अमरजीत कौर, एसएमओ, सिविल अस्पताल, लुधियाना

कोविड वार्ड में बेड फुल होने के कारण इमरजेंसी के बाहर लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। मरीजों के परिवार और डाक्टरों के बीच कोई विवाद न हो इसलिए वहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए थे।
एएसआइ, राजिंदर सिंह, चौकी इंचार्ज, सिविल अस्पताल।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी