लुधियाना के करीमपुरा बाजार काे लस्सी की दुकानों ने दिलाई अलग पहचान, चौक को मिल गया नाम

पुराने शहर से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली यह मुख्य सड़क थी और लोग आते जाते इस दुकान के बोर्ड पढ़ते रहते थे। देखते ही देखते वहीं लस्सी की और दुकानें भी खुल गई। 150 साल से पुराने करीमपुरा बाजार चौक को लोग तब लस्सी वाला चौक कहने लगे।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:25 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:25 AM (IST)
लुधियाना के करीमपुरा बाजार काे लस्सी की दुकानों ने दिलाई अलग पहचान, चौक को मिल गया नाम
लुधियाना का करीमपुरा बाजार अंग्रेजों के जमाने से बना है।

लुधियाना,[राजेश भट्ट]। लुधियाना का करीमपुरा बाजार अंग्रेजों के जमाने से बना है। सुभानी बिल्डिंग से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क के जिस चौक से करीमपुरा बाजार शुरू होता है उस चौक को करीमपुरा बाजार चौक कहा जाता था। तब इस चौक में एक तरफ कपड़े की दुकानें हुआ करती थी तो दूसरी तरफ लकड़ी की। करीब 35 साल पहले इस चौक में पहली लस्सी की दुकान खुली और दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर लस्सी की दुकान के बड़े बड़े बोर्ड लगा दिए।

पुराने शहर से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली यह मुख्य सड़क थी और लोग आते जाते इस दुकान के बोर्ड पढ़ते रहते थे। देखते देखते वहीं आसपास लस्सी की और दुकानें भी खुल गई। 150 साल से पुराने करीमपुरा बाजार चौक को लोग तब लस्सी वाला चौक कहने लगे। उसके बाद यह चौक लस्सी वाला चौक के नाम से प्रसिद्ध होता गया।

35 साल पहले बलवंत सिंह ने इस चौक में पहली लस्सी की दुकान खोली और उन्होंने अपनी दुकान को मशहूर करने के लिए इस चौक को खुद लस्सी वाला चौक करना शुरू कर दिया। दरअसल उनकी दुकान के तीन तरफ से सड़क है। यही नहीं जब उन्होंने अपनी दुकान के बोर्ड लगवाए तो उन पर भी करीमपुरा बाजार चौक की जगह लस्सी वाला चौक लिख दिया। फिर तो बाहर से जो भी आए उन्हें इस चौक का नाम लस्सी वाला चौक दिखता रहा तो वह इसे लस्सी वाला चौक बुलाते गए। यहां के दुकानदार बताते हैं कि यहां जब लस्सी की दुकानें खुली तो लोग दूर दूर से यहां लस्सी पीने आया करते थे।

ग्राहकों की भीड़ देखकर अन्य लोगों ने भी अपने दूसरे कारोबार बंद करके लस्सी की दुकानें खोल दी। चोक की सबसे पुरानी लस्सी की दुकान के संचालक नवजोत सिंह का कहना है कि इस चौक को उनके दादा बलवंत सिंह ने ही लस्सी वाला चौक का नाम दिया था। उन्होंने बताया कि अब तो नगर निगम में भी इस चौक को लस्सी वाला चौक कहा जाने लगा है।

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