पंचायत का फरमान, मजदूरो को 3300 रुपये प्रति एकड़ से अधिक बिजाई नहीं देंगे
पंजाब में अब धान की बिजाई का समय शुरू हो गया है। इस दौरान किसान व मजदूर एक-दूसरे के आमने सामने खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, जगराओं : पंजाब में अब धान की बिजाई का समय शुरू हो गया है। इस दौरान किसान व मजदूर एक-दूसरे के आमने सामने खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं। गांव अखाड़ा में पंचायत के लेटरहेड पर 100 के करीब किसानों ने हस्ताक्षर करके यह प्रस्ताव पास कर दिया गया कि गांव में मजदूरों को धान लगवाने की राशि प्रति एकड़ 3300 रुपये। उससे अधिक न कोई किसान मजदूरों को पैसे देगा और न ही कोई मजदूर इससे अधिक अपनी मजदूरी ले सकेगा।
पास किए गए प्रस्ताव में लिखा गया है कि गांव अखाड़ा में किसान, मौजूदा पंचायत, पुरानी पंचायत, किसान यूनियन, कोआपरेटिव सोसायटी और गुरुद्वारा साहिब के महंत बाबा जरनैल सिंह तथा सभी गांव के किसानों की सहमति से एकत्रित हुए। इसमें धान लगवाने की मजदूरी संबंधी चर्चा की गई और सभी ने मिलकर फैसला किया की प्रति एकड़ धान की लगवाई 3300 रुपये। इस पर सभी ने सहमति जताई। प्रस्ताव में यह भी लिखा गया है कि अगर कोई किसान तय किए गए रेट से ज्यादा मजदूरों को देता है तो उसे 50 हजार रुपये जुर्माना, पंचायत में बुलाकर बेइज्जत किया जाएगा और उसके खिलाफ बनती ही कार्रवाई की जाएगी। उस व्यक्ति का बायकाट किया जाएगा। अगर कोई प्रवासी मजदूरों की पार्टी गांव से बाहर जाकर काम करती है तो उसको गांव में बैठने नहीं दिया जाएगा।
मजदूरों ने पंचायत के फैसले के खिलाफ लगाया धरना
गांव अखाड़ा की पंचायत तथा अन्य संगठनों द्वारा सुनाए गए इस अनोखे फरमान का पता चलते ही गांव में हड़कंप मच गया। शनिवार को सुबह गांव के अनुसूचित जाति वर्ग और मजदूरों की अहम बैठक हुई। इसमें शुक्रवार को गांव की पंचायत, गुरुद्वारा साहब के महंत तथा अन्य संगठनों द्वारा जो प्रस्ताव पास किया गया उसकी निदा की गई और कहा गया कि किसानों द्वारा पिछले वर्ष मजदूरों को 4500 प्रति एकड़ धान की लगवाई का मेहनताना दिया गया था, लेकिन इस बार 1200 रुपये कम करके प्रति एकड़ 3300 रुपये का एलान कर दिया गया। मजदूरों ने इस फैसले को नकारते हुए नहर पुल अखाड़ा रोड पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलने पर थाना सिटी जगराओं और पुलिस चौकी काउंटेस कलां से कर्मचारी पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की तो मौके पर उन्होंने कहा कि पंचायत, गुरुद्वारा साहिब के महंत तथा अन्य संगठनों द्वारा धान की लगवाई के संबंध में जो प्रस्ताव पास किया गया है वह गलत है। प्रस्ताव डालने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि पंचायती राज एक्ट के तहत वह ऐसा कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं कर सकते। पुलिस ने इंसाफ का आश्वासन देते हुए धरना खत्म करवाया।