बिना सदगुरु जप,तप व्रत तीर्थ सब व्यर्थ : कुमार स्वामी
परम पूज्य सद्गुरुदेव कुमार स्वामी जी ने कहा कि गुरु गीता में भगवान शिव ने देवी मां पार्वती के पूछने पर गुरु की महिमा के विषय वर्णय किया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : परम पूज्य सद्गुरुदेव कुमार स्वामी जी ने कहा कि गुरु गीता में भगवान शिव ने देवी मां पार्वती के पूछने पर गुरु की महिमा के विषय वर्णय किया है। कहा है कि जिस प्रकार मनुष्य की परमात्मा में उत्तम भक्ति होती है, जिसकी भक्ति सदगुरु में होती है, ऐसे महात्माओं को ही यहां कही हुई बात समझ में आएगी। वेद, शास्त्र, पुराण, मंत्र, तंत्र, यंत्र अन्य मत-मतान्तर ये सभी बिना गुरु तत्व को जाने मार्ग भ्रांत करने वाले हैं। इन्हें सदगुरु के बिना जाना नहीं जा सकता। बिना सदगुरु के जप, तप, व्रत, तीर्थ, यज्ञादि, दान, अनुष्ठान आदि ये सब व्यर्थ हो जाते हैं। आत्मा में सदगुरु के द्वारा दी गई बुद्धि के अतिरिक्त कुछ भी सत्य नहीं है। ज्ञान जिनकी कृपा से होता है या उस ज्ञान को जानने वाले को ही सद्गुरुदेव कहते हैं। जिस सद्गुरुदेव के के चरणों की सेवा करने से मनुष्य के सभी पाप मिट जाते हैं और वह विशुद्धात्मा होकर ब्रह्मरूप हो जाता है।
अत: वह अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है। गुरु की कृपा से ब्रह्म को भी प्राप्त किया जा सकता है। अत: सदैव ही सदगुरुदेव का ध्यान करना चाहिए।