छोटे साहिबजादों की शहादत को नहीं भूलना चाहिए : महासाध्वी मीना
जैन धर्म श्वेतांबर मूर्तिपूजक स्थानकवासी तथा तेरापंथ का चतुर्मास में सत्संग करते हुए उप परिवर्तनी महासाध्वी मीना जी महाराज ने बुधवार सुबह छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह की शहादत के बारे में सत्संग किया। रायकोट शहर वही स्थान है जहां पर दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को खबर मिली थी कि छोटे साहिबजादों ने शहादत प्राप्त कर ली है।
जेएनएन, रायकोट : जैन धर्म श्वेतांबर मूर्तिपूजक स्थानकवासी तथा तेरापंथ का चतुर्मास में सत्संग करते हुए उप परिवर्तनी महासाध्वी मीना जी महाराज ने बुधवार सुबह छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह की शहादत के बारे में सत्संग किया। रायकोट शहर वही स्थान है, जहां पर दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को खबर मिली थी कि छोटे साहिबजादों ने शहादत प्राप्त कर ली है। जैन साध्वियों ने एक विराग भरे माहौल में जब छोटे साहिबजादों की शहादत के बारे में सत्संग किया तो वही दृश्य, वही समय फिर से जीवंत हो गया। जैन साध्वियों ने बड़े विस्तारपूर्वक बताया कि कैसे छोटे साहिबजादों ने हार नहीं मानी व धर्म परिवर्तन नहीं किया और अपनी शहादत दी।
उन्होंने बहुत ही करुणामय शब्द गाकर बैठे सभी श्रोताओं की आंखों में आंसू ला दिए। उन्होंने बताया कि कैसे जब माता गुजरी ने साहिबजादों से सारा प्रकरण पूछा तो उन्होंने किस तरह बहादुरी के साथ उत्तर दिया। महासाध्वियों ने सत्संगियों को यह भी कहा कि इस मृत्यु लोक में वही मोक्ष प्राप्त कर सकता है जो पैसों सदगति के साथ उपयोग कर लोगों के भले के लिए इस्तेमाल करता है, उन्होंने कहा कि इंसान को अंदर और बाहर एक जैसा ही होना चाहिए। उन्होंने अंगूर की उदाहरण देते हुए कहा कि वह अंदर और बाहर दोनों तरह से एक समान मीठा होता है। इसी तरह से इंसान में कोई बल-छल नहीं होना चाहिए।
इस मौके पर अवंत जैन ने बोलते हुए कहा कि इस दुनिया की सबसे महंगी जमीन उनके ही जैन भाई दीवान टोडरमल जैन ने खरीदी थी, जिसके लिए उन्होंने नवाब वजीर खान को चार गज जमीन के लिए 78000 सोने की मोहर जमीन पर बिछा दी थी, जिसकी कीमत आज कम से कम 400 करोड़ के ऊपर है।
इस मौके पर गुरुद्वारा श्री बाबा जोरावर सिह, बाबा फतेह सिंह के प्रधान जगदेव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी को इस समाज में मिल जुल कर रहना चाहिए, दूसरा उन्होंने सिख धर्म की तरफ से ऐसे लसानी सत्संग करने पर जैन साथियों का धन्यवाद किया। इस मौके पर मुख्य उप प्रवर्तनी कोकिल कंठी महासाध्वी मीना जी महाराज, मुक्ता जी महाराज, समृद्धि जी महाराज व चार थानों की साध्वियां मौजूद रही, इसके अलावा जैन समाज की तरफ से अवंत जैन, ललित जैन, शांति स्वरूप, परमवीर जैन, हरीश जैन, कुलदीप जैन, राजेश जैन मुख्य रूप से मौजूद रहे।