Coronavirus से लड़ने की तैयारी, Civil Hospital में 150 बेड का बनाया जाएगा आइसोलेशन सेंटर
अब सिविल अस्पताल में 150 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। पहले यह 100 बेड का है। इसी को लेकर एसडीएम अमरजीत सिंह बैंस ने अस्पताल के तीनों एसएमओ के साथ मीटिंग की।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों संपर्क में आए संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जिला प्रशासन भी लुधियानवियों को बचाने के लिए लगातार तैयारियां कर रहा है। इसके लिए सेहत से लेकर तमाम प्रशासनिक अधिकारी जुटे हुए हैं। इसलिए अब सिविल अस्पताल में 150 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। पहले यह 100 बेड का है। इसी को लेकर एसडीएम अमरजीत सिंह बैंस ने अस्पताल के तीनों एसएमओ के साथ मीटिंग की।
इस समय आइसोलेशन सेंटर में तीन पॉजिटिव मरीजों सहित 90 संदिग्ध भर्ती हैं। बैठक में बेड बढ़ाए जाने से स्टाफ, डॉक्टर व मेडिकल उपकरणों, मशीनरी की जरूरत को लेकर वर्कआउट किया गया। अमरजीत ने कहा कि आइसोलेशन सेंटर को चलाने के लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आइसोलेशन फेसिलिटी मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई। एसएमओ ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसर उनके पास स्टाफ नहीं है। आइसोलेशन सेंटर में भर्ती संदिग्धों के इलाज के लिए पर्याप्त स्टाफ बहुत जरूरी है। इस पर एसडीएम ने उनसे स्टाफ के लिए सूची मांगी। इसे सरकार को भेजेंगे।
सिविल अस्पताल में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग
बीतें दिनों कोरोना वायरस से दम तोड़ने वाली अमरपुरा की 42 वर्षीय महिला के बेटे आइसोलेशन वार्ड से कूद कर भाग गए थे। अब अस्पताल प्रबंधन ने एसीपी से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती के कोरोना पॉजिटिव व संदिग्धों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा संख्या में पुलिस कर्मियों की नियुक्त की मांग की है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से आइसीयू के बाहर दो, बर्न यूनिट के बाहर दो, फीमेल वार्ड के बाहर दो, मेल वार्ड के बाहर दो, आइसोलेशन सेंटर के एंट्री प्वाइंट पर एक, फ्लू कार्नर पर एक, कार पार्किग के पास पड़ते गेट नंबर दो, डिस्पेंसरी के बाहर, ओएसटी सेंटर के बाहर आदि के बाहर मुलाजिम तैनात करने की मांग की।
सरकार से मंजूरशुदा किटें ही दें : एसडीएम
मंगलवार को कई एनजीओ सिविल अस्पताल में एक एनजीओ के सदस्य चिकित्सकों और स्टाफ नर्सो की सुरक्षा को लेकर पीपीई किट की तरह मिलती जुलती किटें देने पहुंचे। एसडीएम अमरजीत सिंह बैंस एसएमओ के साथ मीटिंग कर रहे थे। एसडीएम ने किटें देखी तो सीधे रिजेक्ट कर दिया। एसडीएम ने एनजीओ सदस्यों से कहा कि जो वह किटें अस्पताल को देने के लिए लाए हैं, वह गाइडलाइन के मुताबिक उपयुक्त नहीं है। गवर्नमेंट से अप्रूड पीपीई किटें ही स्टाफ को दी जाएंगी। गवर्नमेंट भी लैब से अप्रूव करवाने के बाद अपने डॉक्टरों-नर्सो को किट बांट रही है। इसलिए गवर्नमेंट अप्रूड कंपनी की किट ही दें।
कोराना पीड़ित मृतक का अंतिम संस्कार करने से कोई खतरा नहीं
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि सेहत विभाग द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार श्मशानघाट व दफनाने वाले कर्मचारियों द्वारा संस्कार के साथ कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए राख इक्ट्ठी की जा सकती है। संस्कार के दौरान कर्मचारियों के हाथों की सफाई, मास्क, दस्ताने व विशेष किटों के प्रयोग को यकीनी बनाने की जरूरत होती है और संस्कार माहिरों की देखरेख में होता है। उन्होंने कहा कि मृतक देह को नहाने, चूमने, गले लगाने की इजाजत नहीं होती।
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