लुधियाना नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ जांच लटकाने का मामला पीएमओ तक पहुंचा, जानें कारण
रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने कई शिकायतें सबूतों के साथ सीवीओ को भेजी हैं। उन्होंने कहा कि हाल में सड़कों की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का रिकार्ड उपलब्ध न करवाने पर उन्होंने निगम अफसरों के खिलाफ सीवीओ को शिकायत दी थी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। नगर निगम अफसरों के खिलाफ चीफ विजिलेंस अफसर के आफिस चंडीगढ़ में सैकड़ों की तादात में शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं। शिकायकर्ता सबूतों के साथ अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस अफसर को भेजते हैं लेकिन चार साल से लगातार शिकायतें लटकाई जा रही हैं। 2017 से 2019 के बीच की 1336 शिकायतें सीवीओ दफ्तर में जांच के नाम पर अटकी हैं। इन शिकायतों पर सीवीओ दफ्तर के अफसरों ने कुछ भी नहीं किया। निगम के भ्रष्ट अफसरों की शिकायतों पर जांच लटकाने का मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। लुधियाना के आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने प्रधानमंत्री को भेज दी है और सीवीओ के खिलाफ जांच करवाने की मांग की है।
रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने कई शिकायतें सबूतों के साथ सीवीओ को भेजी हैं। उन्होंने कहा कि हाल में सड़कों की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का रिकार्ड उपलब्ध न करवाने पर उन्होंने निगम अफसरों के खिलाफ सीवीओ को शिकायत दी थी। सीवीओ ने निगम के बीएंडआर ब्रांच के अफसरों को चंडीगढ़ तलब किया। लेकिन निगम अफसर सीवीओ के सामने पेश नहीं हुए और न ही उन्होंने किसी तरह का रिकार्ड भेजा है।
अफसरों के जरिये खर्च किए गए पैसों का रिकार्ड चेक करने की मांग
उन्होंने कहा कि सीवीओ से अफसरों के जरिये खर्च किए गए पैसों का रिकार्ड चेक करने की मांग की थी। लेकिन सीवीओ ने यह जांच भी आगे नहीं बढ़ाई। उन्होंने कहा कि निगम में तो खर्च किए गए एक पैसे का हिसाब होता है क्योंकि बिना कमिश्नर व अन्य बड़े अधिकारियों की अनुमति के फंड रिलीज नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि सीवीओ की तरफ से जांच लटकाने से उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। उन्होंने कह कि अब उन्होंने इस मामले की शिकायत पीएमओ को दी है।
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