Jagran Round table conference: उद्यमी बोले- करोड़ों का राजस्व देकर भी समस्याओं से जूझ रहे

सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का राजस्व दे रहे फोकल प्वाइंट फेज आठ के उद्यमी समस्याओं से जूझ रहे हैं। पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पीएसआइईसी) ने इलाके में करीब 50 फीसद सड़कें सीमेंट से बनवाई हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:23 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:23 AM (IST)
Jagran Round table conference: उद्यमी बोले- करोड़ों का राजस्व देकर भी समस्याओं से जूझ रहे
समस्याओं से जूझ रहे लुधियाना के उद्यमी। (जागरण)

राजीव शर्मा, लुधियाना। सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का राजस्व दे रहे फोकल प्वाइंट फेज आठ के उद्यमी समस्याओं से जूझ रहे हैं। पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पीएसआइईसी) ने इलाके में करीब 50 फीसद सड़कें सीमेंट से बनवाई हैं। जो सड़कें नहीं बनी हैं वहां बारिश के बाद डेढ़ से दो फीट तक पानी जमा हो जाता है। इन सड़कों से गुजरना मुश्किल हो जाता है।

इसके अलावा सीवरेज, गंदा पानी, कूड़ा, स्ट्रीट लाइटे, बिजली की तारों सहित बुनियादी ढांचा चरमराया हुआ है। उद्यमी नगर निगम, पीएसआइईसी के चक्कर में उलझे हुए हैं। जब दैनिक जागरण ने उद्यमियों से उनकी समस्याओं पर सीधे बातचीत की तो उनका दर्द सामने आ गया।

बरसात में जगह-जगह जलभराव हो जाता है। फैक्ट्री तक पहुंचने में दिक्कत होती है। विदेशी खरीदार भी यहां आने से कतराते हैं। इसका असर कारोबार पर पड़ता है। फिर भी कोई सुनवाई नहीं है। -ओपी बस्सी, प्रधान फोकल प्वाइंट फेज आठ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

--- औद्योगिक क्षेत्रों में इतना बुरा हाल कहीं नहीं है। सड़कें बनी नहीं है। सीवरेज का प्रबंध नहीं है। बिजली का ढांचा चरमराया हुआ है। ऐसे में बेहतर कारोबार की कल्पना करना भी मुश्किल है। उद्यमी कहां जाएं। -विक्रम चोपड़ा, एमडी, ऋषि फैब्रिक्स

--- पिछले बीस साल से नरक झेल रहे हैं। पता नहीं किस गलती की सजा हमें मिल रही है। सड़कों पर सीवरेज का पानी भरा रहता है। हर महीने जेट मशीन से खुद सीवरेज की सफाई करवानी पड़ती है। -विकास कोहली, कोहली संस

--- कुछ जगह सीमेंट की सड़कें बनने से बिजली की तारों व जमीन का अंतर कम हो गया है। कंटेनर जब आते हैं तो हादसों का खतरा बढ़ गया है। एक माह पहले भी तारों की चपेट में आने से एक ड्राइवर की मौत हो गई थी। पावरकाम को लिखकर भी दिया लेकिन समाधान नहीं हुआ। -राजन सचदेव, महासचिव फोकल प्वाइंट फेज आठ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

--- खाली प्लाटों व सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं। सफाई व कूड़ा उठाने की व्यवस्था सही नहीं है। प्रशासन को कई बार कहा गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पा रहा है। -राहुल बतरा, पारसराम टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड

--- कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं। बिजली के पोल टेढ़े हो गए हैं। दुर्घटना का खतरा बना रहता है। पावरकाम को शिकायत भी की गई है लेकिन वह अपने ढांचे को मजबूत करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। -अनिल बेदी, एडवांस टेक्नोलाजी इंडस्ट्रीज

--- आसपास के इलाकों में बरसात के बिना भी पानी जमा रहता है। इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। लीकेज के कारण पानी की बर्बादी भी होती है। इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है। -एसएल वर्मा, मेघालाइन इंडस्ट्रीज

--- खाली प्लाटों व सड़कों के किनारे पर बहुत झाड़ियां हैं। जगह-जगह चाय के खोखे लग गए हैं। इससे भी दिक्कतें बढ़ रही हैं। इनकी आड़ में कई अवैध काम किए जा रहे हैं। पुलिस को भी बताया गया है लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। -साहिल बतरा, एन कुमार टेक्सटाइल्स

--- पानी की निकासी का प्रबंध सही नहीं है। जगह-जगह गंदा पानी खड़ा रहता है। इससे बदबू आती है। बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। पानी की निकासी का पुख्ता इंतजाम करना अब जरूरी हो गया है। -हरविंर सिंह बेदी, साहिबा इंडस्ट्रीज

--- चोरी, छीनाझपटी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ाने की जरूरत है। पुलिस को कई बार कहा गया है लेकिन समस्या आज भी वैसे ही बनी हुई है। --प्रणव डावर, महालक्ष्मी इंडस्ट्रीज

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