ईवे बिल की लिमिट पर पंजाब सरकार बैकफुट पर, उद्यमियों में निराशा

उद्यमियों का तर्क है कि पंजाब सरकार किसी तरह की राहत देने की बजाय उलटा उद्यमियों को परेशान कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Oct 2018 12:24 PM (IST) Updated:Fri, 19 Oct 2018 12:24 PM (IST)
ईवे बिल की लिमिट पर पंजाब सरकार बैकफुट पर, उद्यमियों में निराशा
ईवे बिल की लिमिट पर पंजाब सरकार बैकफुट पर, उद्यमियों में निराशा

मुनीश शर्मा, लुधियाना: उद्यमियों को न तो पाच रुपये प्रति यूनिट बिजली मिली और न ही कोई स्पेशल पैकेज। वहीं अब एक माह पूर्व उद्यमियों को एक लाख रुपये तक ईवे बिल से छूट की लिमिट पचास हजार रुपये कर दी गई है। ऐसे में व्यापारी वर्ग और माइक्रो एवं स्माल यूनिट्स में सरकार के खिलाफ रोष है। उद्यमियों का तर्क है कि पंजाब सरकार किसी तरह की राहत देने की बजाय उलटा उद्यमियों को परेशान कर रही है। उद्यमियों का कहना है कि सरकार को इतनी जलदी यह फैसला नहीं बदलना चाहिए था। अभी एक लाख लिमिट किए हुए को एक माह भी नहीं बीता और इसे दोबारा कम कर दिया गया है। सरकार की ओर से जारी नोटीफिकेशन में स्टील उत्पादों का जिक्र किया गया है, जबकि उसके साथ स्टील से संबंधित उत्पादों की कोई लिस्ट नहीं लगाई गई। इससे फास्टनर सहित अन्य उत्पाद बनाने वाले यूनिट खासकर साइकिल उद्यमी असमंजस में हैं। ऐसा करने से छोटे उद्यमियों को फिर से अपने पास ईवे बिल बनाने से संबंधित पूरी व्यवस्था रखनी पड़ेगी। जिससे उत्पादों पर लागत मूल्य बढ़ेगा। पंजाब सरकार की ओर से ईवे बिल को इसलिए लागू किया गया है कि कुछ उद्यमी माल भेजकर बिल फाड़ देते थे और उसी नंबर का बिल दोबारा बना देते हैं।

फोपसिया अध्यक्ष बदीश जिंदल के मुताबिक आज तक जितनी भी बोगस बिलिंग हुई है, उसमें ईवे बिल काटा गया है। ऐसे में कर चोरी रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों का ईमानदार होना जरूरी है। ईवे बिल से जीएसटी की चोरी नहीं रुक सकती। यूसीपीएमए के प्रधान इंद्रजीत सिंह नवयुग ने कहा कि सरकार की ओर से ईवे बिल की लिमिट में संशोधन कर छोटे कारोबारियों के लिए समस्या खड़ी कर दी गई है। कई माइक्रो यूनिट घर में ही एक कमरे में काम करते हैं और अब उन्हें इसके लिए पूरा सिस्टम रखना पड़ेगा और भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक पचास हजार रुपये की लिमिट बेहद कम है, इसको बढ़ाकर एक लाख करना सरकार का उचित कदम था। लेकिन इस तरह बैकफुट पर आकर लिमिट को एक लाख से पचास हजार किए जाने उद्यमियों के लिए निराशाजनक है। इस पर दोबारा मंथन कर सरकार को लिमिट को बढ़ाना चाहिए।

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