सशर्त फैक्ट्रियां खोलने की इजाजत का उद्यमियों ने किया विरोध, बोले- आत्‍मघाती हो सकता है फैसला

प्रशासन के इस फैसले का अधिकतर औद्योगिक संगठन विरोध कर रहे हैं और उनका साफ कहना है कि यह फैसला आत्मघाती हो सकता है।

By SatpaulEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 09:07 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 05:18 PM (IST)
सशर्त फैक्ट्रियां खोलने की इजाजत का उद्यमियों ने किया विरोध, बोले- आत्‍मघाती हो सकता है फैसला
सशर्त फैक्ट्रियां खोलने की इजाजत का उद्यमियों ने किया विरोध, बोले- आत्‍मघाती हो सकता है फैसला

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना वायरस पूरे विश्व में तबाही मचा रहा है। विश्व की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर रही है। इस भयानक दौर से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता से हाथ जोड़ जोड़ कर 14 अप्रैल तक अपने घरों की लक्ष्मण रेखा न लांघने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आर्थिक नगरी के जिला प्रशासन ने सर्शत औद्योगिक इकाइयां खोलने की अनुमति दी है।

प्रशासन के इस फैसले का अधिकतर औद्योगिक संगठन विरोध कर रहे हैं और उनका साफ कहना है कि यह फैसला आत्मघाती हो सकता है। गुस्साए उद्यमी यह भी तर्क दे रहे हैं कि एक तरफ सरकार श्रमिकों को संभालने में नाकाम हो रही है, दूसरे इंडस्ट्री के बिजली बिल और अन्य करों को टालने की मांग उठ रही है। ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए इंडस्ट्री पर ही श्रमिकों का बोझ डाल रही है। उद्यमियों ने साफ किया है कि इस फैसले का विरोध किया जाएगा और इकाईयां नहीं खोली जाएंगी। प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख रहे हैं।

आत्मघाती हो सकता है यह फैसला: नरेंद्र भमरा

फास्टनर मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रधान नरेंद्र भमरा का कहना है कि प्रदेश सरकार इंडस्ट्री को राहत देने की बजाय श्रमिकों का बोझ भी उद्यमियों पर डाल रही है। एसोसिएशन ने इकाइयां नहीं चलाने का फैसला किया है। इंडस्ट्री मजदूरों की जान जोखिम में नहीं डाल सकती। सरकार का यह फैसला आत्मघाती हो सकता है।

एसोसिएशन नहीं चलाएगी डाइंग मिलें: बॉबी जिंदल

पंजाब डायर्स एसोसिएशन के महासचिव बॉबी जिंदल का तर्क है कि लोगों के बाहर आने-जाने से यह बीमारी ज्यादा फैल जाएगी। दूसरा न कच्चा माल है और न ही तैयार माल के लिए बाजार। ऐसे में इकाइयां चलाने का कोई औचित्य नहीं है। शहर में करीब तीन सौ डाइंग मिलें हैं और एसोसिएशन के सदस्य मिल नहीं चलाएंगे।

इकाइयों के पास लेबर रखने की व्यवस्था नहीं: डीएस चावला

यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला ने भी इस फैसले का विरोध किया है। कहा कि इंडस्ट्री की पूरी चेन फिलहाल टूटी हुई है। जब तक सब कुछ सामान्य नहीं हो जाता, इकाइयां चलाना संभव नहीं है। दूसरा यहां पर ज्यादातर एमएसएमई इकाइयां हैं। उनके पास लेबर रखने के संसाधन नहीं हैं।

पंजाब सरकार के फैसले से नुकसान होगा: बदीश जिंदल

ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने भी कहा कि बिजली बिलों समेत हर तरह की अदायगी में तीन माह की छूट मांगी जा रही थी। उससे बचने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है, जो नुकसान कर सकता है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल लॉकडाउन है। सूबा सरकार इसके उलट फैसले ले रही है। इससे आश्चर्य हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में इकाइयों को चलाना संभव नहीं है।

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