भारतीय स्टील निर्माता जमकर कर रहे एक्सपोर्ट, लुधियाना के घरेलू उद्योगाें में शार्टेज; जानें कारण

फोपसिया के अध्यक्ष बदीश जिन्दल ने कहा कि भारतीय निर्माताओं को इस समय चीन की एक्सपोर्ट बंद होने से ज्यादा भारतीय स्टील निर्माताओं की एक्सपोर्ट से नुकसान सहना पड़ रहा है। डिमांड के बावजूद महंगे और शार्टेज लोहे के चलते कई उत्पादों का निर्माण प्रभावित हो रहा है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:37 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:39 AM (IST)
भारतीय स्टील निर्माता जमकर कर रहे एक्सपोर्ट, लुधियाना के घरेलू उद्योगाें में शार्टेज; जानें कारण
कच्चे माल की एक्सपोर्ट रोक तैयार माल की एक्सपोर्ट बढ़ाए सरकार। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। चीन सरकार का घरेलू बाजार पर फोकस किए जाने का असर अब भारतीय उद्योगों पर दिखने लगा है। इंडस्ट्री के सबसे प्रमुख रा मटीरियल स्टील के दामों में लगातार इजाफे के साथ ही शार्टेज के चलते अब भारतीय निर्माताओं पर इसका असर दिखने लगा है। डिमांड के बावजूद महंगे और शार्टेज लोहे के चलते कई उत्पादों का निर्माण प्रभावित हो रहा है। इसका मुख्य कारण चीन की ओर से बिजली संकट को देखते हुए प्राथमिकता चीन की कंपनियों को देने और दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कम किए जाना है।

वहीं भारतीय स्टील निर्माता घरेलू बाजार की डिमांड को पूरा करने की बजाए एक्सपोर्ट पर मुख्य रुप से फोकस कर रही है। इसी के चलते लोहे के मुख्य रा मटीरियल एचआर काॅयल का दाम 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जो जुलाई में 38 रुपये प्रति किलो था। वहीं बात वायर राॅड की करें, तो इसके दाम भी 34 से 60 रुपये प्रति किलो पहुंच गए हैं। इस बढ़ोतरी से उत्पाद महंगे होने के साथ साथ इनकी शार्टेज हो रही है।

फोपसिया के अध्यक्ष बदीश जिन्दल ने कहा कि भारतीय निर्माताओं को इस समय चीन की एक्सपोर्ट बंद होने से ज्यादा भारतीय स्टील निर्माताओं की एक्सपोर्ट से नुकसान सहना पड़ रहा है। अगर भारतीय स्टील निर्माता कच्चा माल देसी बाजार में ही मुहैया करवाए और वाजिब दामों पर स्टील दें, तो भारत की मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार को भी इस स्थिति का आकलन कर तत्काल स्टील रा मटीरियल की एक्सपोर्ट पर एंटी डंपिंग डयूटी लगाई चाहिए। ताकि भारतीय मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री ग्रोथ की ओर अग्रसर हो सके।

सीआइसीयू के प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि इंडस्ट्री को इस समय काफी स्पोर्ट की आवश्यकता है। ऐसे में सरकार को ऐसी पालिसी लानी चाहिए कि भारत इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही एक्सपोर्ट की जाए। नहीं आने वाले दिनों में मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री प्रभावित होने से इसका असर महंगाई के रुप में दिखेगा और तैयार उत्पादों की इंपोर्ट तेज हो जाएगी।

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