फसलों के बचे अवशेष को खेतों में मिला कर बढ़ाई उपज
खेतों में बची हुई फसल के अवशेषों का सही प्रबंधन कर पराली जलाने के खतरे को रोकने में भूमिका निभा रहा है
जासं, जगराओं : खेतों में बची हुई फसल के अवशेषों का सही प्रबंधन न केवल पराली जलाने के खतरे को रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि पिछले कुछ वर्षों से खेतों में पराली को मिला रहे किसानों को लाभ भी पहुंचा रहा है। इससे धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ ही खादों पर खर्च होने वाला पैसा भी बच रहा है। जगराओं के अगवाड़ पोना गांव के किसान लखविदर सिंह का कहना है कि वह पिछले पांच वर्षाें से इन-सीटू तकनीक द्वारा पराली को संभाल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके खेत में 20 प्रतिशत कम डीएपी व यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है। परिणाम में मिट्टी की सेहत में काफी सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि वह पराली संभाल के लिए धान की कटाई एसएमएस संयुक्त कंबाइन से करने बाद चौपर का उपयोग करके करचों को बारीक कर मिट्टी में मिला दिया जाता है, जिस आलू का उत्पादन बहुत अच्छा हुआ और खाद पर निर्भरता भी खत्म हुई है। पराली प्रबंधन के लाभों बारे अपने अनुभव सांझे करते हुए किसान लखविदर सिंह ने महसूस किया कि मिट्टी की सेहत में सुधार होने करके जमीन नर्म पड़ गई है जिससे गेंहू , मूंगी व आलू के उत्पादन में जमीन महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। खेतीबाड़ी विकास अफसर डा.रमिदर सिंह ने कहा कि यदि सभी किसान इन तकनीकों को अपनाते हैं तो वह नाइट्रोजन, फासफोरस व पोटाश जैसे पौष्टिक तत्वों की खरीद पर खर्च होने वाले अपने करोड़ों रुपये बचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि धान की पराली का प्रबंधन काफी मात्रा में नाइट्रोजन, फासफोरस व पोटाश को बढ़ाएगा। खेतीबाड़ी विकास अफसर ने कहा कि बची हुई फसल वाली मिट्टी को हवा व पानी के नुकसान से बचाने व कीमती पानी को संभाल कर मिट्टी को ठंडा रखने में सहायता करती है। पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को फसलों की बची हुई फसल के प्रबंधन को अपनाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि धान की पराली को जलाना किसानों व जमीन के लिए बहुत नुकसानदायक व खतरनाक है। उन्होंने कहा कि धान की पराली जलाने से मिट्टी की सेहत खराब होती है और वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर जगराओं डा.गुरदीप सिंह ने कहा कि धान की पराली को जलाने से मिट्टी के कई प्रमुख पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इससे उपज कम होती है। साथ ही धान की पराली जलाने से कई जहरीली गैस निकलती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं।