लॉकडाउन में होटल उद्यमियों को चुभते रहे बिजली के Fixed Charges, कर्ज लेकर किया भुगतान

छह माह से अधिक वक्त तक बंदी की मार झेलने से उद्यमियों को आर्थिक नुकसान काफी हुआ लेकिन सरकार ने भी राजस्व वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ी। होटलों को भारी भरकम बिजली के फिक्स्ड चार्जेज लगते रहे।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 08:01 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 08:01 AM (IST)
लॉकडाउन में होटल उद्यमियों को चुभते रहे बिजली के Fixed Charges, कर्ज लेकर किया भुगतान
उद्यमियों ने बिना कामधंधे के इन चार्जेज का मजबूरी में कर्ज लेकर भी भुगतान किया। (File Photo)

लुधियाना, जेएनएन। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने मार्च में लॉकडाउन लगाया, तमाम उद्योग धंधे बंद हो गए। अनलॉक में धीरे धीरे सबकुछ खुल गया, लेकिन होटल उद्योग का लॉकडाउन पंद्रह अक्तूबर से ही सर्शत खुल सका। छह माह से अधिक वक्त तक बंदी की मार झेलने से उद्यमियों को आर्थिक नुकसान काफी हुआ, लेकिन सरकार ने भी राजस्व वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ी। होटलों को भारी भरकम बिजली के फिक्स्ड चार्जेज लगते रहे। उद्यमियों ने बिना कामधंधे के इन चार्जेज का मजबूरी में कर्ज लेकर भी भुगतान किया।

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने सरकार से मांग की है कि छह-सात माह के लिए इस सेक्टर को बिजली के फिक्स्ड चार्जेज से मुक्त किया जाए। इस संबंध में एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश प्रधान अमरवीर सिंह की अध्यक्षता में पावरकॉम के चेयरमैन ए वेणू प्रसाद से मुलाकात करेगा। उनको मांगों का विस्तृत ज्ञापन सौंप कर राहत की गुहार लगाई जाएगी।

सूबे में पांच हजार से अधिक होटल एवं रेस्टोरेंट हैं। जबकि एसोसिएशन के साथ 1726 होटल एवं रेस्टेारेंट रजिस्टर्ड हैं। उद्यमियों का कहना है कि प्रति होटल एवं रेस्टोरेंट बिजली लोड की क्षमता के अनुसार दस हजार रुपये से पांच लाख रुपये प्रति माह तक के फिक्स्ड चार्जेज लगे हैं। बिना काम के इस भुगतान को करने में उद्यमियों के पसीने छूट गए हैं और उनको कर्ज तक लेने की नौबत आई है। अमरवीर ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान आई आर्थिक मंदी से उबारने के लिए उद्योगों को कई राहतें दी हैं, लेकिन होटल उद्योग को इससे अछूता ही रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इस उद्योग को भी अतिरिक्त लाभ दिए जाएं, ताकि इसकी गाड़ी भी पटरी पर चढ़ सके। उनके अनुसार अभी तक होटल कारोबार मंदी से बाहर नहीं निकल पाया है। इस सेक्टर का कारोबार 25 से तीस फीसद तक भी नहीं पहुंच पाया है। अभी भी कई सरकारी बंदिशें इस सेक्टर पर लगी हुई हैं। अमरवीर ने कहा कि पावरकॉम चेयरमैन से बंद के दौरान बिजली के तय चार्जेज माफ करने की बात की जाएगी। प्रधान ने कहा कि होटल उद्योग को सरकार ने 1996 में इंडस्ट्री घोषित किया था, लेकिन अभी तक इस सेक्टर को कमर्शियल दरों पर बिजली दी जा रही है। चेयरमैन से आग्रह किया जाएगा कि इस सेक्टर को इंडस्ट्रियल दरों से बिजली बिल वसूले जाएं।

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