पंजाब के प्राइवेट बस आपरेटरों को टैक्स जमा करवाने में ढील देने से High Court का इन्कार, जानें मामला

परिवहन विभाग ने नियमों का उल्लंघन करके चल रही बसों को जब्त करने की मुहिम के दौरान कई टैक्स डिफाल्टर प्राइवेट कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई शुरू की है। इससे राज्य को टैक्स के रूप में 4.29 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:43 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:43 AM (IST)
पंजाब के प्राइवेट बस आपरेटरों को टैक्स जमा करवाने में ढील देने से High Court का इन्कार, जानें मामला
पंजाब के प्राइवेट बस आपरेटरों को राहत देने से हाई काेर्ट का इंकार। (सांकेतिक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने प्राइवेट बस ऑपरेटर न्यू दीप बस कंपनी की ओर से रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी फरीदकोट के फैसले के विरुद्ध दी गई याचिका को रद करते हुए कोई राहत देने से इन्कार कर दिया है। बस आपरेटर कंपनी ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए माना था कि उसने जनवरी से अक्टूबर 2021 तक मोटर व्हीकल टैक्स का बकाया जमा नहीं करवाया। टैक्स जमा न करवा सकने के लिए कंपनी ने कोरोना के समय दौरान लगी बंदिशों के चलते कम सवारियां होने, पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं को मुफ्त बस सफर की सुविधा के कारण घाटा होने और दूसरे राजनीतिक पक्ष से संबंधित होने के कारण दुश्मनी निकालने आदि की दलीलें दी। अदालत ने टैक्स भरने के समय में राहत देने से कोई भी ढील देने से इन्कार कर दिया।

बता दें कि बिना टैक्स अदायगी और अन्य परिवहन नियमों का उल्लंघन करके चल रही बसों को जब्त करने की मुहिम के दौरान राज्य में कई टैक्स डिफाल्टर प्राइवेट कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई शुरू की गई, जिससे राज्य को टैक्स के रूप में 4.29 करोड़ रुपये हासिल हुए। इस मुहिम दौरान राज्य में बिना टैक्स और दस्तावेज और गैर-कानूनी परमिटों के साथ चलने वाली 258 बसों को जब्त किया गया था। 10 महीने टैक्स न भरने के कारण न्यू दीप बस कंपनी की 26 बसों को भी जब्त कर लिया गया था। कंपनी ने तुरंत टैक्स भरने की बजाय जिला फरीदकोट की रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी के समक्ष 12 अक्तूबर, 2021 को अर्जी देकर किश्तों में टैक्स भरने और बसों को छोडऩे की अपील की थी, जिसे रद कर दिया गया। कंपनी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से उसे कोई राहत न मिली।

सरकार के वकीलों ने अदालत को बताया कि कंपनी के पास आरटीए द्वारा अपील रद करने के विरुद्ध विभागीय उच्च अथारिटी के पास अपील करने व उस अपील पर फिर से विचार करने के विकल्प मौजूद हैं। इसी दौरान परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने टैक्स डिफाल्टर कंपनी के विरुद्ध अदालत के आदेशों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे टैक्स देनदारियों की वसूली के लिए रास्ता साफ हुआ है।

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