High Court का शहीद सैनिक के भाई की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्ता ने लिखा है कि उनके भाई सोहन सिंह 1971 की जंग में शहीद हो गए थे। इस युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से 10 एकड़ जमीन देने की घोषणा की गई थी। बाद में सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया।
लुधियाना, चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 1971 भारत-पाक युद्ध के शहीद सैनिक के भाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार व रक्षा सेवा कल्याण शाखा के निदेशक को 19 अप्रैल के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींडसा ने यह नोटिस बेगोवाल (लुधियाना ) के मनोहर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिका में पंजाब सरकार से 50 लाख की अनुदान राशि देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने याचिका में लिखा है कि उनके भाई सोहन सिंह 1971 की जंग में शहीद हो गए थे। इस युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से 10 एकड़ जमीन देने की घोषणा की गई थी। बाद में सरकार ने नियमों में बदलाव कर जमीन के बदले 50 लाख की ग्रांट देने का निर्णय लिया था। उनके पिता ने सरकार से 10 एकड़ जमीन देने के लिए सरकार से कई बार आग्रह किया, लेकिन उनको जमीन नहीं मिली।
राज्य सरकार ने 20 जून, 2018 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें घोषणा की गई थी कि यदि शहीद सैनिक अविवाहित थे तो अनुदान राशि उनके माता-पिता को दी जाएगी, जो शहादत के दिन जीवित थे। बाद में उनके उत्तराधिकारियों को अनुदान देने का नियम समाप्त कर दिया गया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से उनको 13 अगस्त, 2020 को जानकारी दी गई कि वह अनुदान के हकदार नहीं है, क्योंकि उन्होंने 4 जनवरी, 2010 से पहले आवेदन नहीं किया था। याची के अनुसार उनके पिता ने पहले ही आवेदन किया हुआ था। वर्ष 2011 में माता-पिता की मृत्यु के बाद परिवार में एकमात्र जीवित सदस्य होने के नाते वह अनुदान के हकदार हैं।