कानूनी दांवपेंच में फंसा ग्लाडा एस्टेट, प्लाट की खरीद-फरोख्त पर हाई काेर्ट ने लगाई रोक; जानें मामला
कीज होटल के पीछे ग्रेटर लुधियाना एरिया डवेलपमेंट अथारिटी ने ग्लाडा एस्टेट के नाम से रेजिडेंशियल कालोनी डेवलप की है। इसमें से ग्लाडा कुछ प्लाट बेच चुका है। लेकिन अब यह कालोनी में भी कानूनी दांवपेंच में फंस गई।
जासं, लुधियाना। कीज होटल के पीछे ग्रेटर लुधियाना एरिया डवेलपमेंट अथारिटी ने ग्लाडा एस्टेट के नाम से रेजिडेंशियल कालोनी डेवलप की है। इसमें से ग्लाडा कुछ प्लाट बेच चुका है। लेकिन अब यह कालोनी में भी कानूनी दांवपेंच में फंस गई। सुखविंदर सिंह गिल की याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ग्लाडा एस्टेट पर स्टे जारी कर दिया। फिलहाल इस कालोनी में प्लाटों की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकेगी। याचिका कर्ता सुखविंदर सिंह गल का कहना है कि उन्होंने पहले जिला अदालत में याचिका दायर की।
ग्लाडा अफसरों ने लोगों को गुमराह किया। इसके बावजूद उन्हें स्टे नहीं मिला तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया। गिल ने बताया कि जिस जमीन पर कालोनी काटी गई है वह उनके मामा की थी। मामा ने वसीयत में उन्हें हिस्सा दिया था। जबकि बाकी के हिस्से दार ने उनके हिस्से की जमीन पर भी कालोनी काट दी।
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लुधियाना। नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर आदित्य देचलवाल ने मंगलवार को सिटी बसों का संचालन करने वाली कंपनी के महाप्रबंधक जसकीरत सिंह के साथ बैठक की। 3 दिन पहले हुई बैठक में कंपनी ने माना था कि वह सिटी बस को लेकर चल रहे केस को वापस ले लेंगे। एडिशनल कमिश्नर ने कहा कि अब कंपनी केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करे। इसके बाद प्रस्ताव बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक में पेश किया जाएगा। जब तक केस वापस नहीं होता तब तक किराया बढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। शहर में सिटी बस चलने से लाखाें लाेगाें काे राहत मिल सकती है। यह मामला पिछले कुछ समय से खासा सुर्खियाें में था।
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