Income Tax Case : पंजाब के CM अमरिंदर सिंह के खिलाफ केस की सुनवाई 22 जुलाई तक स्थगित, जानें मामला

Income Tax Case आयकर विभाग के अनुसार अमरिंदर सिंह ने जानबूझ कर इस संबंधी अपने दस्तावेज भी विभाग से छिपाये। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कैप्टन व सिंह ने सरकारी अधिकारियों को अपनी ड्यूटी से रोकने व अड़चनें पैदा करने की भी कोशिश की।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 08:37 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 08:37 AM (IST)
Income Tax Case : पंजाब के CM अमरिंदर सिंह के खिलाफ केस की सुनवाई 22 जुलाई तक स्थगित, जानें मामला
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व रणइंद्र सिंह। (फाइल फाेटाे)

संस, लुधियाना। Income Tax Case : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Amarinder Singh) व उनके पुत्र रणइंद्र सिंह के खिलाफ लंबित इनकम टैक्स केस में विभाग की तरफ से नई दिल्ली से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आफ इंडिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मार्फ़त अदालत में अपनी बहस की व पक्ष रखा। लेकिन बहस पूरी नहीं हो पायी।

22 जुलाई काे हाेगी अगली सुनवाई

इसके बाद चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सुमित मक्कड की अदालत ने इन केसो में शेष बची बहस के लिये 22 जुलाई की तिथि तय की है। पिछली पेशी पर विभाग ने अपनी गवाही पूर्ण कर ली थी। आयकर विभाग ने कैप्टन अमरिंदर सिंह व रणंइद्र सिंह के खिलाफ शिकायत में विभाग ने आरोप लगाया था कि उन्होंने विदेशों में कई चल-अचल संपत्तियां बनाई। विभाग को अंधेरे में रखते हुए जरकंधा ट्रस्ट के माध्यम से कई लाभ हासिल किए।

दस्तावेज विभाग से छिपाने का आराेप

आयकर विभाग के अनुसार कैप्टन सिंह ने जानबूझ कर इस संबंधी अपने दस्तावेज भी विभाग से छिपाये। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कैप्टन व सिंह ने सरकारी अधिकारियों को अपनी ड्यूटी से रोकने व अड़चनें पैदा करने की भी कोशिश की। आयकर विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बाकायदा कैप्टन अमरेंद्र सिंह को एक नोटिस भी भेजा था जवाब देने के लिए कहा था लेकिन कैप्टन ने कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं दिया। आयकर विभाग द्वारा उपरोक्त शिकायत विभाग की अमनप्रीत कौर की ओर से दायर की गई थी।

सीएम व उनके बेटे के खिलाफ चल रहे तीन केस

अर्जियों के चलते ईडी के अधिकारी मामलों की फाइलों की जांच नहीं कर पाए और बैरंग ही लौट गए थे। अमरिंदर सिंह व रणइंद्र सिंह के खिलाफ कुल मिलाकर आयकर विभाग की तरफ से 3 मामले दायर किए गए है और तीनों में ईडी ने दस्तावेज देखने के लिए अपने वकील लोकेश नारंग के माध्यम से अर्जियां दाखिल की थी और तीनों मामलों में अदालत ने अर्जियों को मंजूर कर लिया था।

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