धरने में जेलों में बंद बुद्धिजीवियों को बिना शर्त रिहाई की मांग की

रेलवे स्टेशन पार्क जगराओं में लगे किसान संघर्ष मोर्च के धरने में देशभर की जेलों में बंद लोकपक्षीय बुद्धिजीवियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:49 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:49 PM (IST)
धरने में जेलों में बंद बुद्धिजीवियों को बिना शर्त रिहाई की मांग की
धरने में जेलों में बंद बुद्धिजीवियों को बिना शर्त रिहाई की मांग की

जागरण संवाददाता, जगराओं : रेलवे स्टेशन पार्क जगराओं में लगे किसान संघर्ष मोर्च के धरने में देशभर की जेलों में बंद लोकपक्षीय बुद्धिजीवियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। नाटककार व फिल्म अभिनेता सुरिदर शर्मा ने कहा कि भाजपा के इस फांसीवाद राज में हर विरोधी आवाज को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा। आज 22 के करीब बुद्धिजीवी दो-तीन वर्षो से जेलों में बंद है। विद्वान आनंद तेल तुंबडे, प्रसिद्ध वकील सुधा भारद्वाज, चितंक गौतम नौलखा, नताशा नरवाल को जेल में बंद करके सीधी एमरजेंसी ला रखी है। इस दौरान एक मते द्वारा जेलों में बंद बुद्धिजीवी को रिहा करने की मांग की गई। इसके अलावा किसान नेता इंद्रजीत सिंह धालीवाल व गुरप्रीत सिंह सिधवां ने बीते दिन गड़ेमारी से पंजाबभर के विभिन्न स्थानों पर फसल के हुए नुकसान पर सरकार से मुआवजा देने की मांग की। कहाकि बिना देरी खराब हुई फसल की गिरदावरी करवाकर पहल के आधार पर मुआवजा जारी किया जाए। इस मौके पर कुलदीप सिंह गुरूसर, मदन सिंह, जगजीत सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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