भविष्य की हरियाली को सुरक्षित रखेगा जियो टैगिंग

नगर निगम की बागवानी ब्रांच हर साल शहर में 30 से 35 हजार पौधे लगाने का दावा करती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 06:00 AM (IST)
भविष्य की हरियाली को सुरक्षित रखेगा जियो टैगिंग
भविष्य की हरियाली को सुरक्षित रखेगा जियो टैगिंग

राजेश भट्ट, लुधियाना

नगर निगम की बागवानी ब्रांच हर साल शहर में 30 से 35 हजार पौधे लगाने का दावा करती है। इसके अलावा अलग-अलग संस्थाएं व सरकारी संस्थान भी बरसात के सीजन में डेढ़ से दो लाख पौधे लगाने की बात करते हैं। शहर में जितने पौधे बरसात के सीजन में लगाए जाते हैं, उनमें से ज्यादातर देखभाल न होने की वजह से मर जाते हैं। इन पौधों की देखभाल और नजर रखने के लिए निगम अब पौधों की जियो टैगिग करने लगा है। इसकी शुरुआत निगम ने बुड्ढा दरिया के किनारे लगाए गए पौधों से की है। निगम ने पिछले साल बुड्ढा दरिया के किनारे करीब आठ किलोमीटर की रेंज में अलग-अलग जगहों पर करीब 12 हजार पौधे लगाए और उन सभी की अब जियो टैगिग की गई है।

बुड्ढा दरिया के किनारे बागवानी ब्रांच हर साल पौधे लगाती थी। पौधे कहां-कहां लगाए गए, ये जीवित हैं या नहीं, इस बारे में अफसरों को यह पता नहीं होता था। बुड्ढा दरिया के किनारे लगने वाले पौधों पर नजर रखने के लिए तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ ने बागवानी ब्रांच को पौधे लगाकर उनकी जियो टैगिग करने को कहा था। इसके जरिए पौधे की ग्रोथ पर भी नजर रखी जाती है। अगर पौधा ग्रोथ नहीं कर रहा और मर जाता है तो दफ्तर बैठे ही अफसरों को पता चल जाएगा। जियो टैगिग के बाद निगम के पास हर पौधे की जानकारी होगी। जियो टैगिग के वक्त पौधे की प्रजाति का नाम भी फीड किया जाएगा। इससे निगम के पास पौधों का एक ऑनलाइन रिकॉर्ड भी तैयार होगा। पौधा मरने की स्थिति में उसकी जगह नया पौधा लगाया जा सकेगा। निगम की योजना शहर में लगे सभी पौधों की जियो टैगिग करने की है। ऐसे होती है पौधों की जियो टैगिग

पौधों की जियो टैगिग के लिए नगर निगम गूगल मैप के जरिए पौधे की फोटो क्लिक करके उसकी प्रजाति, आकार व अन्य तरह की सूचनाएं अपलोड करते हैं। इसके बाद इस एप पर पौधे की भौगोलिक स्थिति भी आ जाती है। फिर गूगल अर्थ और गूगल मैप के जरिए इन पौधों पर नजर रखी जा सकेगी। माइक्रो जंगलों की भी इसी से निगरानी होगी

नगर निगम बुड्ढा दरिया के किनारे 16 संवेदनशील प्वाइंटों पर माइक्रो जंगल लगाने जा रहा है। इसकी शुरुआत निगम हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स के पास कर चुका है। इन माइक्रो जंगलों में भी निगम 150-200 पौधे लगाने जा रहा है। इन सभी पौधों की भी जियो टैगिग की जाएगी। असलहा लाइसेंस आवेदकों के पौधों की भी होगी टैगिग

डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद ने असलहा लाइसेंस लेने वालों को पांच-पांच पौधे लगाने को कहा है। इसकी प्रशासन जियो टैगिग कराएगा। इसके जरिए प्रशासन यह देखेगा कि लाइसेंस लेने वाला पौधे की देखभाल कर रहा है या नहीं। इसके अलावा वन विभाग भी अब पौधों की जियो टैगिग कर रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में भी पौधों की जियो टैगिग की जा रही है। कोट्स

हमने बुड्ढा दरिया के किनारे लगे पौधों की जियो टैगिग की है। दरिया के किनारे लगने वाले माइक्रो जंगलों की भी जियो टैगिग की जानी है। इस तकनीक से पौधों की ग्रोथ पर नजर रहती है।

-किरपाल सिंह, इंचार्ज बागवानी ब्रांच नगर निगम

chat bot
आपका साथी