पशुओं को मुंह खुर से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी

बरसात के मौसम में पशुओं में मुंह खुर की बीमारी तेजी से फैलती है। खासकर दूध देने वाले पशुओं में। जिले के दो गांवों में एक दर्जन से अधिक पशु इसकी चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) की ओर से इस बीमारी से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 10:30 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 10:30 PM (IST)
पशुओं को मुंह खुर से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी
पशुओं को मुंह खुर से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी

जागरण संवाददाता, लुधियाना : बरसात के मौसम में पशुओं में मुंह खुर की बीमारी तेजी से फैलती है। खासकर, दूध देने वाले पशुओं में। जिले के दो गांवों में एक दर्जन से अधिक पशु इसकी चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) की ओर से इस बीमारी से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।

यूनिवर्सिटी के वेटरनरी माइक्रोबायोलाजी विभाग की प्रमुख डा. दीप्ति नारंग ने कहा कि मुंह खुर पशुओं में विषाणुओं को लगने वाली बीमारी है, जो कि एक पशु से दूसरे पशु तक बड़ी तेजी से फैलती है। यह विषाणु गायों, भैंसों, बकरी, भेड़ों और सूअरों को प्रभावित करता है। इस मौसम में पशुओं खास बचाच की जरूरत होती है और बीमारी से बचाव के लिए पशुओं की छह महीने बाद वैक्सीनेशन जरूर करवानी चाहिए। डा. दीप्ति ने कहा कि वैक्सीनेशन के साथ साथ पशुओं को साफ सुथरा माहौल देना जरूरी है। जहां पशुओं को रखा जाता है, उन फार्मों की जैविक सुरक्षा का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। फार्मों को साफ व कीटाणु रहित रखना बहुत जरूरी है। अगर किसी पशु को तेज बुखार, मुंह व पैरों में छाले हो या लार अधिक निकल रही हो, तो बीमारी के लक्षण को समझना चाहिए। ऐसी स्थिति में बीमार पशु को दूसरे पशुओं से बिलकुल अलग कर देना चाहिए और पशु की जांच करवानी चाहिए।

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