घर में कंप्‍यूटर व प्रिंटर से छाप रहे थे जाली करंसी, एक लाख सात हजार के नकली नोट सहित चार गिरफ्तार

एसएचओ अर्शप्रीत कौर के मुताबिक चारों आरोपित पिछले सात महीने से जाली करंसी बनाने का काम कर रहे थे। गैंग के सरगना भूपिंदर सिंह ने घर में ही कंप्यूटर और स्केनर लगाया हुआ था।

By Edited By: Publish:Sun, 31 May 2020 05:20 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 09:09 AM (IST)
घर में कंप्‍यूटर व प्रिंटर से छाप रहे थे जाली करंसी,  एक लाख सात हजार के नकली नोट सहित चार गिरफ्तार
घर में कंप्‍यूटर व प्रिंटर से छाप रहे थे जाली करंसी, एक लाख सात हजार के नकली नोट सहित चार गिरफ्तार

लुधियाना, जेएनएन। भारतीय जाली करंसी तैयार कर मार्केट में भेजने वाले चार आरोपितों को थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से एक लाख सात हजार की नकली नोट भी बरामद की। पकड़े गए आरोपितों की पहचान ताजपुर रोड निवासी भूपिंदर सिंह, भामियां कलां निवासी गुरदेव सिंह, काकोवाल रोड निवासी अमर सिंह और गांव कक्का निवासी तेजिंदर सिंह के रूप में हुई है। मास्टरमाइंड भूपिंदर सिंह पांचवी पास है।

पुलिस के मुताबिक आरोपित भूपिंदर सिंह के खिलाफ पहले भी लूटपाट के कई मामले दर्ज हैं। थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने चारों आरोपितों को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड लिया है। 

सात माह से छाप रहे थे करंसी

थाना बस्ती जोधेवाल की एसएचओ अर्शप्रीत कौर के मुताबिक चारों आरोपित पिछले सात महीने से जाली करंसी बनाने का काम कर रहे थे। गैंग के सरगना भूपिंदर सिंह ने घर में ही कंप्यूटर और स्केनर लगाया हुआ था। जो उच्च क्वालिटी के पेपर की कटिंग कर जाली नोट छापते थे और उसे मार्केट में खपा देते थे। 

सात माह में खपा चुके हैं 50 हजार नकली नोट

एसएचओ ने बताया कि पूछताछ में चारों आरोपितों ने बताया कि अभी तक वह लगभग 50 हजार रुपये की नकली करंसी बाजार में चला चुके हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपितों के पास से एक लाख सात हजार रुपये नकद, कंप्यूटर, स्केनर और कागज बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। 

जेल में भूपिंदर को मिला था नकली नोट छापने वाला व्यक्ति

पुलिस के मुताबिक सभी आरोपितों को नशे की लत है। इसकी पूर्ति के लिए वे सभी वारदातों को अंजाम देते रहते थे। आरोपित भूपिंदर सिंह पर भी लूटपाट के कई मामले पहले से दर्ज हैं। भूपिंदर सिंह ने बताया कि वह पांचवी कक्षा तक पढ़ा हुआ है। जेल में उसकी मुलाकात एक जाली करंसी तैयार करने वाले व्यक्ति से हो गई। जेल से छूटने के बाद उक्त व्यक्ति के साथ मिलकर उसने घर में कंप्यूटर व स्केनर लगा कर जाली नोट छापना शुरू कर दिया था।

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