पंजाब के पूर्व मंत्री रखड़ा के भाई को दिल्ली एयरपोर्ट से किया गया अमेरिका डिपोर्ट, जानें क्या है कारण
पंजाब के पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा के बड़े भाई दर्शन सिंह धालीवाल को दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका डिपोर्ट कर दिया गया है। वह यहां एक शादी मेंं शामिल होने के लिए आए थे। रखड़ा ने आरोप लगाया है के किसान आंदोलन का समर्थन करने के कारण यह कार्रवाई हुई।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री व अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुरजीत सिंह रखड़ा के बड़े भाई व प्रवासी भारतीय दर्शन सिंह धालीवाल को रविवार रात दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका डिपोर्ट कर दिया गया। इस तरह एयरपोर्ट से ही अमेरिका वापस भेजने पर रखड़ा ने आरोप लगाया है कि दर्शन सिंह लंबे समय से किसान आंदोलन की मदद कर रहे हैं। इसी कारण केंद्र सरकार ने जानबूझकर उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की है। दूसरी तरफ इस संबंध में एयरपोर्ट पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों से बात की गई, लेकिन उन्होंने ऐसी किसी घटना से अनभिज्ञता जताई है।
रखड़ा का आरोप- किसान आंदोलन को समर्थन देने के कारण केंद्र ने जानबूझकर की ऐसी कार्रवाई
दर्शन सिंह धालीवाल पत्नी के साथ अपने छोटे भाई चरणजीत सिंह रखड़ा की पुत्री के विवाह में शामिल होने के लिए आ रहे थे। सुरजीत सिंह रखड़ा ने कहा कि वह अपने भाई को लेने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। दर्शन सिंह को डिपोर्ट किए जाने को लेकर उन्होंने पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी व विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क भी किया था, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इस बारे में वह केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर रोष भी जता चुके हैं।
भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए आ रहे थे दर्शन सिंह धालीवाल
उन्होंने कहा कि दर्शन सिंह हर साल तीन से चार बार अमेरिका से अपने गांव रखड़ा (पटियाला) आते हैं, लेकिन 50 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें एयरपोर्ट से लौटा दिया गया। सुरजीत रखड़ा ने कहा कि बेशक दर्शन सिंह को पंजाब की धरती पर उतरने नहीं दिया गया लेकिन किसान आंदोलन को आगे भी समर्थन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि दर्शन सिंह धालीवाल के अमेरिका में कई गैस स्टेशन हैं।
अधिकारी कहते रहे ऊपर से आर्डर हैं : धालीवाल
दैनिक जागरण ने अमेरिका में दर्शन सिंह धालीवाल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें बिना कोई ठोस कारण बताए डिपोर्ट कर दिया गया। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी, उनके भतीजे व भतीजे की धर्मपत्नी थी, लेकिन इन तीनों को लेकर कोई एतराज नहीं जताया गया। सिर्फ उनके भारत में प्रवेश पर आपत्ति जताई गई। जब उन्होंने पूछा कि उन्हें प्रवेश क्यों नहीं दिया जा रहा तो अधिकारी यही कहते रहे कि ऊपर से आर्डर हैं।
धालीवाल ने कहा कि उन्हें संकेत दिया गया कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों की हिमायत करने के कारण ही उन्हें भारत में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि करीब पांच घंटे तक एयरपोर्ट पर वह रुके रहे और रात लगभग डेढ़ बजे उन्हें अमेरिका जाने वाली फ्लाइट में बिठा दिया गया। उनके पासपोर्ट पर न तो कोई टिप्पणी नहीं की गई और न ही मोहर लगाई गई, जबकि ऐसे मामलों में पासपोर्ट पर मोहर अवश्य लगाई जाती है।