Farmers Protest: पूर्व मंत्री अनिल जोशी की किसानों को नसीहत, रोज-रोज के बंद और जाम से जनाधार खो देगा आंदोलन

Farmers Protest अनिल जोशी ने कहा कि किसान आंदोलन को पंजाब के लोगों ने साथ देकर सफल बनाया। खुद उन्हें इसी मुद्दे के चलते पार्टी से निकाला गया। लेकिन अगर इस तरह से रोज बंद और सड़क-रेल जाम होंगे तो लोग साथ देना बंद कर देंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 02:54 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:05 AM (IST)
Farmers Protest: पूर्व मंत्री अनिल जोशी की किसानों को नसीहत, रोज-रोज के बंद और जाम से जनाधार खो देगा आंदोलन
सोमवार को खन्ना के दौरे पर शिअद नेता अनिल जोशी। जागरण

सचिन आनंद, खन्ना (लुधियाना)। Farmers Protest: भाजपा से निष्कासित होने के बाद शिअद में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने सोमवार को किसान संगठनों पर ही वार कर दिया। लुधियाना के खन्ना में जोशी ने कहा कि इस तरह के रोज-रोज के बंद और जाम से किसान आंदोलन अपना जनाधार गंवा देगा। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। बता दें कि अनिल जोशी किसानी के मुद्दे पर ही भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खुलकर बोले थे और इसी कारण पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे। 

अनिल जोशी ने कहा कि किसान आंदोलन को पंजाब के लोगों ने साथ देकर सफल बनाया। खुद उन्हें इसी मुद्दे के चलते पार्टी से निकाला गया। लेकिन, अगर इस तरह से रोज बंद और सड़क-रेल जाम होंगे तो लोग साथ देना बंद कर देंगे। बंद और जाम से पंजाब के लोगों के व्यापार का नुकसान हो रहा है। लोगों के जरूरी काम रुक रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं पर हमले से अराजकता फैलती है। ऐसी प्रवृति को रोकना चाहिए। हर किसी का घेराव करने की रणनीति ठीक नहीं। कई नए छोटे संगठन बन गए हैं। ऐसे में कई दुकानदारी भी कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा इस तरफ भी ध्यान दे।

लखबीर मर्डर की कड़ी निंदा

जोशी ने दिल्ली बार्डर पर निहंगों की ओर से तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या करने को निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज और किसी धर्म में ऐसे जघन्य अपराध को जायज नहीं ठहरा सकते। अभी तक बेअदबी के कोई सबूत भी नहीं मिले हैं। कांग्रेस केवल वोट की राजनीति के कारण इस मुद्दे पर चुप है। मामले की हर एंगल से जांच होनी चाहिए।

केंद्र सरकार भी जिद छोड़े

जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार को भी कृषि कानूनों के मुद्दे पर अपनी जिद छोड़नी चाहिए। उन्हें कानून को या तो वापस लेना चाहिए या फिर कोई हल निकालना चाहिए। आंदोलन में कई किसानों की जान जा चुकी है।

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