पंजाब में पूर्व विधायक नरेश कटारिया कांग्रेस छोड़ आप में शामिल, कई अन्‍य नेता AAP में आए

पंजाब में फिर दलबदल का खेल शुरू हो गया है। जीरा से पूर्व विधायक नरेश कटारिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 17 Aug 2020 05:04 PM (IST)
पंजाब में पूर्व विधायक नरेश कटारिया कांग्रेस छोड़ आप में शामिल, कई अन्‍य नेता AAP में आए
पंजाब में पूर्व विधायक नरेश कटारिया कांग्रेस छोड़ आप में शामिल, कई अन्‍य नेता AAP में आए

लुधियाना, जेएनएन। जीरा के पूर्व विधायक रहे नरेश कटारिया सोमवार को कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। उनके साथ जसवंत गज्जन माजरा ने भी आम आदमी पार्टी ज्वाइन की है। उन्होंने लोक इंसाफ पार्टी की ओर से अहमद गढ़ से चुनाव लड़ा था। अकाली नेता रमेश मेघवाल ने भी आप का दामन थामा है।

उन्होंने मानसा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2012 में पंजाब पीपुल्स पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। बाद में वह अकाली दल में शामिल हो गए थे। कार्यक्रम में हलका जीरा से अकाली दल बीसी विंग के शमिंदर सिंह ने भी झाड़ू थाम लिया है।

इस मौके पर भगवंत मान बोले मेहनती लोगों को मिलेगी टिकट और संगठन में जिम्मेदारी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी भारत की सबसे तेजी से बढ़ रही पार्टी है। उन्होंने कैप्टन सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पटियाला में प्लाज्मा बैंक खोला है पर लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। सरकार कुछ नही बता रही है।

उन्‍होंने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। आप ने धरने लगाने शुरू करने के बाद वह बाहर निकले हैं। जहरीली शराब से मौतों के मामले में सरकार टालमटोल कर रही है। किसी पर भी हत्या की धारा 302 का मामला दर्ज नही हुआ है। उन्होंने कहा कि आप खेती ऑर्डिनेंस, यूनिवर्सिटीज की वित्तीय हालात पर चर्चा करेगी।

रेत माफिया में सिर्फ पर्ची काटने वाले बदले

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में रेत माफिया पहले की तरह ही हावी है और कांग्रेस सरकार में सिर्फ पर्ची काटने वाले बदले हैं। रेत माफिया बेखौफ होकर खनन में जुटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में चार महीने के लॉकडाउन के दौरान कैप्टन सरकार ने अस्पतालों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। न तो वेंटीलेटर बढ़ाए गए हैं और न ही अन्य सुविधाएं। सूबे के अस्पतालों में आम आदमी को कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।    

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